चंगोराभाठा मंदिर ट्रस्ट की जमीन… कांग्रेस सरकार में 4.40 एकड़ पर चला था बुलडोजर… अब भाजपा सरकार के मंत्री ने भी 7 दिन में रिपोर्ट मांगी

चंगोराभाठा में रिंग रोड-1 के किनारे मंदिर ट्रस्ट की 4.40 एकड़ जमीन का मामला फिर उछल गया है। 2022 में कांग्रेस सरकार के दौरान इस जमीन पर किए गए निर्माण पर बुलडोजर चला दिया गया था। एक बार फिर इस जमीन पर संजय अग्रवाल के कथित कब्जे की शिकायत राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से कर दी गई है। मंत्री वर्मा ने सीरवेश्वरनाथ मंदिर को दान में दी गई जमीन को कथित कूटरचना से बेचने की इस शिकायत को गंभीरता से लिया है। उन्होंने रायपुर कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि एक हफ्ते के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए तथा दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर दी जाए।
सरकारी सूत्रों के अनुसार चंगोराभाठा के कुछ लोगों ने राजस्व मंत्री वर्मा से मिलकर शिकायत की थी कि डॉ. खूबचंद बघेल वार्ड-68 में चंगोराभाठा महादेव तालाब पर स्थित सीरवेश्वरनाथ महादेव मंदिर की 4.40 एकड़ जमीन भूमाफिया को बेच दी गई है। यहां प्लाटिंग भी शुरू कर दी गई है। जमीन पटवारी हल्का नंबर-105 के खसरा नंबर 84 में है। जमीन रिंगरोड पर श्याम पेट्रोल पंप के पीछे व अभिनंदन पैलेस के बाजू है तथा इस समय प्लाट प्राइम लोकेशन वाला माना जा रहा है। मंत्री वर्मा ने कहा है कि इस शिकायत की जांच कर वास्तविक स्थिति से उन्हें अवगत कराया जाए।
दशकों पहले मंदिर के लिए दान में दी थी जमीन
लोगों ने मंत्री को जो रिकार्ड प्रस्तुत किया है, उसके मुताबिक महादेव तालाब के किनारे जमींदार गोविंदधर ने 11 एकड़ जमीन दी थी। इसमें 5 एकड़ कृषि के लिए, 4.40 एकड़ तालाब के लिए तथा 1.22 एकड़ तालाब के चारों ओर आने जाने का मार्ग बनाने के लिए दी गई थी। भूस्वामी गोविंदधर की वर्ष 1976 में मृत्यु हुई। उसके बाद मंदिर के सेवक जयलालपुरी वल्द नरोत्तम पुरी मंदिर तथा मंदिर से लगी जमीन के सर्वराकार बन गए थे। यही जमीन 1989 में संजय अग्रवाल को बेची गई। उस वक्त ट्रस्ट के प्रबंधक तत्कालीन कलेक्टर थे। यह मामला स्थानीय न्यायालय, सेशन न्यायालय तथा उच्च न्यायालय जबलपुर में भी पहुंच चुका है। इसी जमीन पर अवैध प्लाटिंग कर की शिकायत पर 2022 में बुलडोजर चलाया गया था। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। उसके बाद से मामला ठंडा था, लेकिन फिर उछल गया है।