लारेंस गैंग को 35 हजार रु में बेची पिस्टल, अजरबैजान-पुर्तगाल के नंबरों से व्हाट्सएप पर किया सौदा
रायपुर सुपारी केसः एमपी से राजवीर चावला गिरफ्तार, द स्तंभ ने इस बारे में छापी थी रिपोर्ट
लारेंस विश्नोई गैंग के शूटर्स को पिस्टल देने वाले राजवीर चावला को रायपुर क्राइम ब्रांच ने मध्यप्रदेश के बड़वानी में उसी इलाके से दबोचा, जहां से लारेंस गैंग को हथियारों के स्मगलर पिस्टल-गोलियां सप्लाई करते हैं। द स्तंभ ने कुछ दिन पहले इसका खुलासा किया था और क्राइम ब्रांच राजवीर को वहीं से पकड़कर शनिवार को रायपुर ले आई। राजवीर ने शूटर रोहित स्वर्णकार को क्वालालंपुर से मयंक सिंह का फोन आने के बाद दी थी। एएसपी क्राइम संदीप मित्तल ने द स्तंभ को बताया कि पूरा गैंग व्हाट्सएप से अजरबैजान (+994) एवं पुर्तगाल (+351) के नंबरों से एक दूसरे के संपर्क में रहता था, इसलिए ट्रेस कर पाना मुश्किल हो रहा था। इसके अलावा राजवीर फेसबुक पर मोंटू सिंह के नाम से फर्जी आईडी बनाकर उससे भी हथियारों का धंधा कर रहा था। खुलासा यह भी हुआ कि अच्छी क्वालिटी के पिस्टल और इस तरह के हथियार वह खुद बनवाकर बेच रहा था।
रायपुर सुपारी केस में दो बातें अब साफ हो गई हैं। रायपुर के कोल परिवहन कारोबारी और रायगढ़ के सड़क ठेकेदार के परिवार के एक-एक व्यक्ति की सुपारी झारखंड के अमन साहू गैंग की तरफ से दी गई थी और लारेंस विश्नोई गैंग की तरफ से इस साजिश को मलेशिया में बैठा मयंक हैंडल कर रहा था। इस केस में पुलिस राजवीर के अलावा पूर्व में दो शूटरों रोहित स्वर्णकार और पप्पू सिंह तथा दो बाइक राइडर्स मुकेश कुमार और देवेंद्र सिंह को रायपुर में रेकी के दौरान ही दबोच लिया था। जिस दिन चारों की गिरफ्तारी हुई, उसके अगले दिन चारों सुबह 10 बजे रायपुर में अग्रसेन चौक के आसपास गोलियां चलाने की तैयारी कर रहे थे। यहां से शूटआउट के बाद चारों बाइक से रायगढ़ जाकर दो दिन बाद वहां एक और वारदात करने वाले थे। सभी अजरबैजान और पुर्तगाल के नंबरों से व्हाट्सएप पर संपर्क में थे। रायपुर आने से पहले मयंक ने शूटर रोहित से कहा था कि मध्यप्रदेश के बड़वानी में राजवीर से जाकर पिस्टल और मैगजीन ले ले। इसके लिए मयंक ने 35000 रुपए राजवीर के फेक अकाउंट में ट्रांसफर किए थे। ट
हफ्तेभर से बड़वानी में थी रायपुर क्राइम ब्रांच
राजवीर सिंह को पकड़ने के लिए रायपुर क्राइम ब्रांच पिछले एक हफ्ते से मध्यप्रदेश के सेंधवा में डेरा डाले हुए थी। बड़वानी पुलिस की मदद भी ली गई थी, लेकिन पूरे आपरेशन को इतनी खामोशी से चलाया गया कि मध्यप्रदेश में मीडिया को भी राजवीर की गिरफ्तारी और उसे रायपुर लाए जाने तक भनक नहीं लगी। राजवीर ने फिलहाल पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले लारेंस गैंग के मयंक ने उससे कहा था कि रोहित नाम का युवक तुमसे मिलेगा, उसे पिस्टल दे देना। पेमेंट के बाद रोहित आया और पिस्टल-मैगजीन ले गया। फिलहाल पुलिस राजवीर का मोबाइल नंबर और अकाउंट छान रही है। वह बड़वानी में उमेट गांव का रहनेवाला है।