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राजधानी में 70 वार्ड ही रहेंगे, महात्मा गांधी-पं. रविशंकर वार्ड खत्म, मोवा साइड नए वार्ड का प्रस्ताव

वार्डों का प्रस्तावित परिसीमन जारी, कई वार्डों के नंबर बदल गए, मंगाई दावा-आपत्ति

रायपुर नगर निगम ने नगरीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए शहर के वार्डों का नया परिसीमन प्रस्ताव जारी कर दिया है। इसके मुताबिक रायपुर में 70 वार्ड ही रहनेवाले हैं। हालांकि प्रस्तावित परिसीमन में महात्मा गांधी वार्ड (पार्षद डा. प्रमोद साहू) और पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड (एमआईसी आकाश तिवारी) खत्म कर दिए गए हैं और इनका थोड़ा-थोड़ा इलाका आसपास के वार्डों में मर्ज किया गया है। इसी तरह, मोवा-सड्डू और आमासिवनी इलाके में एक-एक नए वार्ड प्रस्तावित किया गया है। दो वार्ड मर्ज होने और दो नए वार्ड अस्तित्व में आने के कारण  शहर के अधिकांश वार्डों के नंबर बदल गए हैं। इनसे करीब डेढ़ दर्जन वार्डों की सीमाएं भी थोड़ी-बहुत बदली हैं। सभी 70 वार्डों के परिसीमन का प्रस्ताव नगर निगम मुख्यालय के चौथे फ्लोर पर विस्तार से चस्पा किया गया है, जिसे कोई भी जाकर देख सकता है। यहां यह स्पष्ट कर दें कि यह परिसीमन फाइनल नहीं है। फिलहाल ऐसा करने का प्रस्ताव है और अगले सप्ताह से दावा-आपत्ति का सिलसिला शुरू होगा। इन दावे-आपत्तियों पर सुनवाई के बाद फी अंतिम परिसीमन जारी होगा। इस प्रस्ताव को लेकर मौजूदा महापौर एजाज ढेबर ने राजनीतिकरण का आरोप लगाया है। इधर, निगम की नेता मीनल चौबे ने कहा कि आबादी के आधार पर उचित प्रस्ताव बनाया गया है।

वार्डों में 12-16 हजार आबादी को रखा केंद्र में

परिसीमन प्रस्ताव तैयार करने के लिए सरकारी अमले ने हर वार्ड में 12 से 16 हजार की आबादी को फोकस किया है। रायपुर में अभी जो वार्ड हैं, आबादी के लिहाज से भारी अनुपातहीनता की स्थिति है। हालांकि दो वार्ड खत्म होने और दो नए वार्ड बनने से आसपास के दो दर्जन से ज्यादा वार्डों का भूगोल काफी हद तक बदल गया है। आबादी के समायोजन के कारण दो दर्जन और  वार्डों की सीमा में भी आंशिक बदलाव हुए हैं। अफसरों ने बताया कि सारे बदलाव प्रस्तावित हैं, यानी फाइनल नहीं हैं। दावे-आपत्तियों के आधार पर ही अंतिम फैसला होगा।

अब बड़े बदलाव की संभावना लगभग खत्म

रायपुर में वार्डों के नए सिरे से परिसीमन प्रस्तावों से तीन बातें लगभग स्पष्ट हो गई हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक पहली बात यह है कि रायपुर में आगामी नगर निगम चुनाव 70 वार्डों में ही होने की पूरी संभावना है। दूसरा, वार्डों के जो नए नंबर प्रस्तावित किए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि दावे-आपत्ति लिए जा रहे हैं, लेकिन जब तक कोई गंभीर दावा-आपत्ति नहीं होगी, परिसीमन के मौजूदा प्रस्ताव में विशेष बदलाव की संभावना नहीं है।

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