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सिर्फ झारखंड वाले नहीं आते, हमारे 50 हजार लोग भी रोज उधर जाते हैं… उनके लिए कन्हर नदी पर पुल, जिससे दूरी 100 से घटकर 35 किमी

छत्तीसगढ़ में सीमावर्ती राज्यों की तुलना में आम लोगों के लिए ज्यादा सहूलियतें हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल पड़ोसी राज्यों से इलाज, कारोबार या इसी तरह के कार्यों से लोग छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। बार्डर के सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जहां रहनेवालों के लिए सीमावर्ती राज्य का शहर हमारे राज्य के शहरों से नजदीक पड़ता है। वहां बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती हैं, इसलिए हमारे राज्य के लोग बार्डर पार उस नजदीकी शहर में जाते हैं। मिसाल के तौर पर बलरामपुर-रामानुजगंज के सनावल इलाके के दर्जनों गांवों के 50 हजार से ज्यादा लोगों को झारखंड का गढ़वा, उटारी और धुरकी नजदीक पड़ता है और वहां काफी सुविधाएं हैं। इसलिए यहां के 50 हजार से ज्यादा लोग झारखंड के शहर-कस्बों पर डिपेंड हैं। वहां जाने के लिए कन्हर नदी पार करनी पड़ती है, जो काफी चौड़ी है। पहाड़ी इलाका होने से बारसात में यहां बहाव इतना तेज रहता है कि जाना-आना बंद हो जाता है। इसी दिक्कत को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ का पीडब्लूडी महकमा कन्हर नदी पर विशाल पुल बना रहा है। इस पुल से न केवल सनावल की झारखंड से दूरी बहुत कम हो जाएगी, बल्कि हर मौसम में लोगों को आने-जाने में राहत मिलेगी।

पीडब्लूडी महकमा बलरामपुर के रामचंद्रपुर ब्लाक और  विकासखंड के धौली और झारखंड के गढ़वा जिला के धुरकी ब्लाक के बीच कन्हर नदी पर 15 करोड़ 20 लाख रुपए से पुल बना रहा है। अगले कुछ दिनों में सुपर-स्ट्रक्चर पूरा हो जागा। 312 मीटर लंबे और 9 मीटर चौड़े के इस पुल का 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। डिप्टी सीएम तथा पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव ने तय कर दिया है कि यह पुल जून में पूरा होकर शुरू कर दिया जाएगा। अफसर इसी टाइम लिमिट पर काम कर रहे हैं। इस पुल के बनने से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के अनेक गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे क्षेत्र में व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही खरीदारी, इलाज और विभिन्न कार्यों से रोजाना गढ़वा एवं नगर उटारी जाने वालों की सफर की दूरी आधी हो जाएगी। अभी धौली से सड़क मार्ग से गढ़वा जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल के शुरू हो जाने के बाद यह दूरी घटकर 55 किलोमीटर हो जाएगी। सनावल क्षेत्र के लोगों को अभी नगर उटारी जाने के लिए 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। पुल बन जाने के बाद यह दूरी घटकर आधी यानि 35 किलोमीटर हो जाएगी। वाड्रफनगर क्षेत्र के लोग अभी रामानुजगंज और उत्तरप्रदेश होकर झारखंड जाते हैं। कन्हर नदी पर पुल के चालू हो जाने पर वे बहुत कम दूरी तय कर सीधे झारखंड पहुंच सकेंगे।

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