वट सावित्री व्रत पर सीएम साय की पत्नी कौशल्या का संदेशः पौधे गमलों के बजाय जमीन पर लगाना बेहतर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास पर गुरुवार को सीएम साय की पत्नी कौशल्या साय के साथ दर्जनभर से ज्यादा महिलाओं ने बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा की, वटवृक्ष की परिक्रमा की और पति के दीर्घायु तथा स्वस्थ होने की कामना की।
जमीन पर लगाया पौधा पीढ़ियों तक बना रहेगा
- इस मौके पर सीएम साय की पत्नी कौशल्या साय ने संदेश दिया कि वट सावित्री की पूजा हमारे लिए प्रकृति की पूजा करने जैसा है। आज के दिन हम यही संदेश देंगे कि प्रकृति की रक्षा करें। मेरी आप सभी से विनम्र प्रार्थना है कि पौधा गमले में नहीं बल्कि मिट्टी में रोपें। क्योंकि गमले का पौधा तो गमले तक सीमित होता है। मिट्टी में रोपा गया पौधा आपकी आने वाली पीढियों तक जाएगा आपको फल, फूल और छाया देने के साथ ही प्रकृति को संतुलित भी रखेगा।
वट सावित्री व्रत के अवसर पर सीएम हाउस में उपस्थित महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी। पूजा-अर्चना के बाद कौशल्या साय ने सभी सुहागनों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह प्रकृति पूजा का भी पर्व है। इस अवसर पर उन्होंने सभी सुहागन महिलाओं को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दीं तथा कहा कि हम सबको मिलकर पेड़ों के संरक्षण की दिशा में भी काम करना है। गौरतलब है, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास पर बहुत सारे तथा बहुत अधिक आयु के वृक्ष हैं। यहां वट वृक्ष भी बेहद विशाल तथा पुराना है और इसका तना तथा जड़ें भी काफी फैली हुई है।