माओवादियों ने कांकेर मुठभेड़ में कमांडर शंकर समेत 29 की मौत स्वीकारी
बस्तर में मीडिया को माओवादियों के महिला संगठन ने भेजी प्रेस रिलीज
बस्तर आईजी पी सुंदरराज तथा सरकार की तरफ से कांकेर मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सलियों के मारे जाने के दावे सही साबित हुए हैं। बस्तर के मीडिया को दंडकारण्य क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन के लेटरपैड पर एक रिलीज भेजी गई है, जिसमें 18 अप्रैल की तारीख दर्ज है। रिलीज संगठन की कथित प्रवक्ता रामको हिचामी के हिंदी में दस्तखत से जारी हुई है। इसमें कांकेर मुठभेड़ में मारे गए 27 माओवादियों के नाम दिए गए हैं, जिसमें नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजनल कमेटी के कमांडर शंकर उर्फ जयशंकर मोपलपल्ली के साथ-साथ ईनामी नक्सली बदरू, अनिता और विनोद के भी नाम हैं। प्रवक्ता ने रिलीज में कहा कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों के जो नाम प्रचारित किए जा रहे हैं, वह पूरी तरह सही नहीं है। जिनके गलत नाम दिए गए हैं, उनके परिवार का हाल बुरा है। इसीलिए सही नाम जारी किए जा रहे हैं, ताकि यह स्थिति नहीं बने।
माओवादियों की ओर से प्रेस रिलीज में जो नाम जारी किए गए हैं, उनके मुताबिक मुठभेड़ में मारे गए 29 माओवादियों में शंकर उर्फ जयशंकर, बदरू-दक्षिण बस्तर, अनिता पूर्व बस्तर, विनोद-मानपुर, रीता-मानपुर, रमेश ओयम भैरमगढ़, बचनू-गंगालूर, सुरेखा-गढ़चिरौली, कविता-नेंडूर, रजिता-आदिलाबाद, भूमे-दक्षिण बस्तर, कार्तिक-पश्चिम बस्तर, रोशन-दरभा डिवीजन, देवाल-गंगालूर, दीनू गुड्डू- दुरदा, अन्वेश-दक्षिण बस्तर, जनिला उर्फ मोदी कोवादी- बस्तर, संजिला मड़कम-करका बस्तर, गीता-इंद्रावती, राजू कुरसम-प्रकेली, शर्मिला-इंद्रावती, सुनिला-इंद्रावती, शांतिला-उत्तर बस्तर, पिंटो-गदून, वजनात-उत्तर बस्तर, शीला-इंद्रावती और जैनी-उत्तर बस्तर हैं। ये 27 नाम हैं, माओवादियों को दो और के नाम पता नहीं है और रिलीज में कहा गया है कि इनके बारे में पता लगाया जा रहा है। इस सूची की एक और अहम बात यह है कि शंकर समेत मारे गए तीन-चार माओवादी जिनमें महिलाएं भी थीं, आंध्रप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आकर बस्तर में सक्रिय थे।
आईजी सुंदरराज ने मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद कह दिया था- मारे गए सभी माओवादी हार्डकोर
गौरतलब है, बस्तर से इस मुठभेड़ की खबरें वायरल होने के कुछ घंटे बाद आईजी सुंदरराज ने घटना की जानकारी देते हुए दावा किया था कि मारे गए सभी माओवादी हार्डकोर थे, जिनमें कुछ पर बड़े ईनाम थे। इस आधार पर रायपुर में सरकार की ओर से भी कहा गया था कि मुठभेड़ में मारे गए सभी नक्सली सक्रिय तथा हार्डकोर थे। इस मामले में राजनैतिक बयान आए, जिनका खंडन भी जारी रहा। मुठभेड़ की रात सीएम विष्णुदेव साय ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में 29 हार्डकोर माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि कर दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि खून-खराबे के बजाय माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत के लिए आगे आएंगे तो सरकार के दरवाजे खुले हैं।