शराब घोटाले में ईडी के 6 हजार पेज के चालान में मुख्य आरोपी टुटेजा, त्रिपाठी और ढेबर
ईडी ने चालान में कुछ आईएएस-आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग की नोटशीट भी लगाई

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी घोटाले में विशेष अदालत में पेश किए गए तकरीबन 6 हजार पेज के चालान में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को इस स्कैम का मुख्य रणनीतिकार करार दिया है। चालान में यह इशारा भी किया गया है कि अनवर ढेबर और टीम का मूवमेंट बढ़ने की वजह से घपला सतह पर आया, फिर इसमें अफसरों की भूमिका भी खुल गई। ईडी ने चालान में सबूत के तौर पर तीनों के हजारों वाट्सएप चैट लगाए हैं। ये चैट सौम्या चौरसिया ही नहीं, बल्कि कई आईएएस-आईपीएस अफसरों के साथ भी हैं।
माइनिंग, वन, पर्यावरण विभागों में भी प्रभाव
ईडी ने चालान में यह भी सिद्ध करने की कोशिश की है कि पूर्व आईएएस टुटेजा का केवल आबकारी और इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि माइनिंग, पर्यावरण और वन विभाग में भी प्रभाव था और तत्कालीन सीएम हाउस के आला अफसरों की जुगलबंदी से इन सभी विभागों में पसंद के अफसर बैठाए जाते थे। सूत्रों के अनुसार ईडी ने इन विभागों में हुई कुछ पोस्टिंग की नोटशीट भी चालान के साथ अटैच कर दी है। इन नोटशीट में पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय का उल्लेख है। चालान में पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को शराब कारोबार के संचालन का मास्टरमाइंड भी करार दिया गया है।
महासमुंद में पकड़े गए ट्रक को लेकर भी चैट
ईडी ने चालान में सबूत के तौर पर जो वाट्सएप चैट लगाई हैं, उनमें हैरतअंगेज जानकारियां हैं। यहां तक कि कुछ साल पहले महासमुंद में पकड़ी गई एक ट्रक शराब के मामले का भी उल्लेख है, जिसमें बाद में लीपापोती कर दी गई थी। इस कांड में तीन लोगों की चैट है, जिसमें एक कह रहा है कि एक महिला अधिकारी ने ट्रक पकड़ लिया है, उसे तुरंत समझाओ। एक चैट में यह है कि बेवकूफी तो हुई, लेकिन ऊपर (एक आला पुलिस अफसर का पद) बात हो गई है। बता दें कि महासमुंद के इस मामले में शराब का ट्रक पकड़े जाने के बाद पुलिस अफसरों ने प्रेस कांफ्रेंस बुला ली थी, जिसे बाद में आनन-फानन में कैंसिल किया गया था मामला रफा-दफा हो गया था।
सौम्या के यहां छापों में मिली थी कुछ नोटशीट
ईडी ने चालान में कुछ विभागों में उच्चस्तर पर आईएएस और आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग की नोटशीट भी लगाई है। सूत्रों के मुताबिक सौम्या के यहां छापों में जो दस्तावेज जब्त किए गए, उनमें ऐसी कई नोटशीट ईडी को मिली हैं। इनमें से कुछ नोटशीट केवल यह साबित करने के लिए चालान में अटैच हैं कि आबकारी मामले के आरोपी केवल आबकारी विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य विभागों में भी प्रभाव रखते थे और किसी भी अधिकारी को हटा या बैठा सकते थे।