ज्योत्सना 7 विधानसभा से जीतीं पर कोरबा सीट जयसिंह-कांग्रेस से दूसरी बार फिसली
अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस से अकेली सांसद बनी ज्योत्सना महंत

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश (अविभाजित मध्यप्रदेश) में कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष मिलकर जो एकमात्र सीट जीत पाया, वह कोरबा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत वहां से लगातार दूसरी बार जीतने में कामयाब हुईं। उन्होंने भाजपा की सरोज पांडे को 43 हजार वोटों से हराया, जो भिलाई से उनसे लड़ने कोरबा पहुंची थीं। ज्योत्सना महंत को कोरबा लोकसभा की सभी विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली, लेकिन कोरबा सीट कांग्रेस के लिए सिरदर्द ही साबित हुई। यह अकेली सीट है, जहां से ज्योत्सना 50 हजार वोटों से ज्यादा से पिछड़ गईं। पांच माह पहले इसी सीट से कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल भी हारे थे। जयसिंह को हालांकि चरणदास महंत का काफी करीबी माना जाता है और वे कोरबा शहर से ही राजनीति करते हैं, लेकिन वहां की राजनैतिक हवा बदलने में वे अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
पाली-तानाखार से सर्वाधिक 48 हजार की लीड
हालांकि महंत के करीबियों का दावा है कि जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा में ज्योत्सना महंत के प्रचार की कमान नहीं संभाली थी, बल्कि उन्हें भरतपुर-सोनहट, मनेंद्रगढ़ और बैकुंठपुर सीटों पर तैनात किया गया था, जहां से कांग्रेस को अच्छी बढ़त हासिल हुई। ज्योत्सना को कोरबा संसदीय सीट के जिन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल हुई है, उनमें सर्वाधिक लीड पाली-तानाखार से आई है। यहां वे भाजपा की सरोज पांडे से 48078 वोटों से आगे रहीं। बैकुंठपुर विधानसभा में उनकी लीड सबसे कम (1933) रही। इसके अलावा ज्योत्सना को भरतपुर सोनहट से 7466, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी से 4828, रामपुर से 13188, कटघोरा से 4319 और मरवाही से 18268 वोटों की लीड मिली है। ज्योत्सना महंत के प्रचार का हिस्सा रहे जानकार कांग्रेसियों का मानना है कि कोरबा शहर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की फिसलन के कारण जल्दी ही तलाशे जाएंगे और जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी।