वीडियो के शौकीन आईपीएस पल्लव पिटाई वाले वीडियो में ही बुरी तरह उलझे… सीएम साय की गुरुवार को वापसी के बाद फैसला
सोशल मीडिया में खासे एक्टिव रहनेवाले, अच्छे-अच्छे वीडियो बनाकर अपलोड करवाने के शौकीन आईपीएस तथा पूर्व कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव लोहारीडीह में पुलिस पिटाई के कुछ वीडियो में ही बुरी तरह उलझ गए हैं। पिटाई के इन वीडियो में अभिषेक पल्लव नजर आ रहे हैं और उनकी वाइस भी है, जिन्हें अब तक लगभग पूरा प्रदेश देख और सुन चुका है। जेल में युवक प्रशांत साहू की मौत के बाद ये वीडियो ज्यादा वायरल हुए हैं। प्रचार को ताकत देने वाले सोशल मीडिया ने इन वीडियो को ऐसा फैलाया है कि सरकार के तमाम आला नुमाइंदे लगभग यह समझ चुके हैं कि आगे क्या होने जा रहा है। साहू समाज ने सात दिन में लोहारीडीह में मारपीट करनेवाले अफसरों के खिलाफ एफआईआर और बर्खास्तगी की मांग उठाकर आईपीएस पल्लव समेत कई पुलिस अफसरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। फैसला सीएम विष्णुदेव साय को लेना है। वे मंगलवार और बुधवार को अपने गृह जिले जशपुर और आसपास रहेंगे तथा गुरुवार को लौटेंगे। जानकारों के मुताबिक आईपीएस पल्लव तथा अन्य पुलिसवालों पर कार्रवाई होगी या नहीं होगी, इसका फैसला हर हाल में आने वाले शनिवार से पहले ले लिया जाएगा।
कवर्धा के लोहारीडीह में भाजपा नेता रघुनाथ साहू को उसी के घर में जिंदा जलाए जाने की घटना की मजिस्टीरीयल जांच शुरू हो गई है। रघुनाथ की हत्या के तुरंत बाद तत्कालीन एसपी पल्लव तकरीबन 40-50 जवानों के साथ लोहारीडीह पहुंचे थे, जहां उनके साथ अच्छी-खासी झूमाझटकी हो गई थी। इसके बाद आसपास से लगभग 500 जवान लोहारीडीह पहुंचे थे और पुलिस ने सब कुछ अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसी दौरान लोगों ने पुलिस पिटाई के ऐसे छोटे-छोटे वीडियो बना लिए थे, जिनमें पल्लव के सामने पुलिस लोगों की पीटती नजर आ रही है और उन वीडियो में पल्लव की वाइस भी है। वीडियो में मौजूदगी के अलावा उनकी जो आवाज सुनाई दे रही है, उसका इंपैक्ट गलत जाने लगा है। ये वीडियो प्रशांत साहू की जेल में मौत के बाद वायरल हुए थे। साहू समाज ने दो दिन पहले हुई प्रेस कांफ्रेंस में जो चार-पांच मांगे रखी हैं, उनमें एक यह भी है कि बर्बरता से पिटाई करनेवाले पुलिस अफसरों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इस मांग के पीछे लोहारीडीह के समाजजनों से बातचीत और यही वीडियो क्लिपिंग्स आधार बनी हैं।
सीएम साय ने लोहारीडीह हिंसा-हत्या, जेल में मौत और कानून-व्यवस्था की बदहाली की वजह से कलेक्टर-एसपी को हटाया था, लेकिन माना जा रहा है कि वह कार्रवाई अंतिम नहीं है। पता चला है कि कवर्धा के तत्कालीन कलेक्टर जन्मेजय महोबे को इस मामले में क्लीनचिट है, क्योंकि सरकार ने उन्हें हटा तो दिया है लेकिन सीधे तौर पर उन्हें इन मामलों के लिए जिम्मेदार नहीं माना गया है। सीएम साय मंगलवार को सुबह बगिया पहुंच गए हैं, जहां वे दिनभर अपने गृहग्राम में रहेंगे। बुधवार को भी जशपुर और आसपास कुछ कार्यक्रमों के शामिल होने के अलावा गृह ग्राम में ही रहेंगे और गुरुवार को लौटेंगे। सूत्रों के मुताबिक उनकी वापसी के बाद लोहारीडीह मामले में फैसला सीएम हाउस की प्राथमिकता में हो सकता है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह के प्रवास के बाद सीएम साय के तेवर ऐसे मामलों को लेकर किस तरह हैं, इसे आधार बनाकर ही आईपीएस पल्लव के मामले में कयास लग रहे हैं।