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छत्तीसगढ़ में 150 स्टील मिलें बंद…बिजली कंपनी भी झुकने के मूड में नहीं, इशारों में कहा- 713 करोड़ की बड़ी छूट इन्हीं को

सीएम साय से एक घंटे बाद मिलेंगे उद्योगपति...मांग पूरी होने की संभावनाएं कम ही

बढ़ी हुई बिजली दरों को लेकर तकरीबन दो हफ्ते से सुलग रहे स्टील प्लांट मालिकों ने मंगलवार से अपने प्लांट की भट्ठियां बुझानी शुरू कर दी हैं। शाम तक रायपुर और दुर्ग के 150 स्टील प्लांट बंद होने की सूचना है। रायगढ़ की मिलें 1 अगस्त से हड़ताल में शामिल होंगी। कैप्टिव पावर प्लांट वाले बड़े ग्रुप जो खुद बिजली बनाकर उसका उपयोग करते हैं, अभी इस हड़ताल में शामिल नहीं है। स्टील मिल मालिक बिजली का टैरिफ 6.10 रुपए से बड़ाकर 7.62 रुपए करने के खिलाफ हैं और उनका कहना है कि ओड़िशा-पं बंगाल जैसे राज्य जिनसे हमारे प्रोडक्ट का कंपीटिशन है, वहां सरकार जितने टैरिफ पर बिजली देती है, छत्तीसगढ़ में भी दरें उतनी ही की जाएं। उद्योगपतियों से सीएम विष्णुदेव साय मंगलवार को रात 9 बजे मिलने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही बिजली कंपनी ने ऐसे संकेत दिए हैं, जिनसे लगता है कि कंपनी भी टैरिफ में रियायत देने के लिए तैयार नहीं है। एक नोट में बिजली कंपनी ने दावा किया है कि स्टील प्लांट वालों को प्रदेश में सबसे बड़ी, 713 करोड़ रुपए की छूट दी गई है। इतनी रियायत तो किसी को नहीं मिली है।

जो प्लांट सरकारी तौर पर बिजली ले रहे हैं, उनमें बड़ी संख्या मिनी स्टील प्लांट-रीरोलिंग मिलों की है। बंद होने वाले प्लांट्स में ज्यादातर यही हैं। यही प्लांट ऐसे हैं, जो बिजली कंपनी से सबसे ज्यादा बिजली खरीद रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने द स्तंभ से कहा कि बिजली का रेट 6.10 रुपए था, वह भी ज्यादा था, लेकिन किसी तरह  स्टील मिलों ने एडजस्ट किया। लेकिन अब तो कंपीटिशन में खड़े रह पाना मुश्किल हो गया है। छत्तीसगढ़ की स्टील मिलों का कंपीटिशन ओड़िशा और बंगाल की मिलों के प्रोडक्ट से है। वहां बिजली 5 रुपए यूनिट दी जा रही है, इसलिए अब छत्तीसगढ़ के मिल मालिक उनके स्टील के रेट से कंपीटिशन नहीं कर सकते। दूसरा, जिन मिलों को पहले 5 करोड़ रुपए बिल आ रहा था, अब 6 करोड़ रुपए आ रहा है। इतना बड़ा घाटा सह पाना मुश्किल है। नचरानी ने कहा कि मंगलवार रात सीएम साय से मिलकर उन्हें परेशानी बताई जाएगी। उनसे आग्रह किया जाएगा कि मिनी स्टील इंडस्ट्रीज बिजली के इस टैरिफ को झेल नहीं सकती।

इतनी छूट तो किसी उपभोक्ता को नहीं दी…

स्टील मिलों की हड़ताल को लेकर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन बिजली कंपनी ने साफ कर दिया है कि उच्चदाब स्टील उद्योगों को 713 करोड़ रुपये छूट दी जा रही है, जो सबसे बड़ी छूट है। कंपनी ने दावा किया कि देश के विकसित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में बिजली सस्ती है। पिछले आठ साल में बिजली दर 35 पैसा यूनिट ही बढ़ाई गई है। इस दौरान महंगाई की तुलना में यह वृद्धि नाममात्र की है। बिजली कंपनी की ओर से टैरिफ में बदलाव को लेकर कोई इशारा नहीं किया गया है, बल्कि संकेत दे दिए गए हैं कि अब और छूट दे पाना मुश्किल है। माना जा रहा है कि इस स्थिति में स्टील मिल मालिकों की लड़ाई लंबी भी हो सकती है, यानी प्लांट आने वाले काफी दिन तक बंद रह सकते हैं। बिजली कंपनी के अधिकृत सूत्रों ने बताया कि नियामक आयोग द्वारा ने हर वर्ग के टैरिफ में वृद्धि की गई है। इसके बावजूद लोड फैक्टर पर मिलने वाली छूट के जरिए स्टील इंडस्ट्री को 713 करोड़ रुपए की छूट दी जा रही है, जो किसी को नहीं मिलती है। छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योगों को बिजली विकसित सामाजिक-आर्थिक-भौगोलिक अद्योसंरचना वाले थर्मल बिजली उत्पादक राज्यों के मुकाबले रियायती दरों पर ही दी जा रही है। नियामक आयोग ने इस छूट को 25 से घटाकर 10 प्रतिशत किया है। वर्ष 2021-22 के पूर्व यह 8 प्रतिशत थी। इस तरह वर्तमान छूट भी 2 प्रतिशत अधिक ही है। इसी से संकेत मिल रहे हैं कि अब बिजली कंपनी स्टील उद्योगों को और छूट देने के लिए तैयार नहीं है।

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