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ईडी अफसर पहुंचे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन… शराब घोटाले से जुड़े सुकमा मामले में पदाधिकारियों को समन… कांग्रेस बोली- अरबों में बने भाजपा दफ्तर की जांच भी करें

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब स्कैम में पूर्व आबकारी मंत्री तथा कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को जेल भेजने के बाद केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम सुकमा जिले में कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन के नि्र्माण में लगे पैसों के बारे में पूछताछ के लिए मंगलवार को रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय (राजीव भवन) में पहुंच गई। उस वक्त राजीव भवन में कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू तथा तीन-चार अन्य पदाधिकारी थे। सूत्रों के मुताबिक उनसे पूछताछ के बाद ईडी ने गैंदू समेत तीन-चार पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में बुला लिया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी ने सुकमा जिले में कांग्रेस के राजीव भवनों के निर्माण को लेकर कवासी लखमा से रिमांड के दौरान लंबी पूछताछ की थी। ईडी को आशंका है कि लखमा ने कथित तौर पर अपने गृह जिले में राजीव भवनों के निर्माण के लिए फंड जुटाया था। लखमा से पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद ईडी ने राजीव भवन का रुख किया है, वह भी तब जबकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र चल रहा है। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने ईडी की टीम के राजीव भवन आने की पुष्टि की और यह भी कहा कि जांच एजेंसी के चार अफसर समंस देने पहुंचे थे। इस बारे में अभी ईडी की ओर से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है।

इधर, कांग्रेस ने ईडी के राजीव भवन पहुंचने के बाद जांच एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बड़ा हमला किया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने द स्तम्भ से कहा कि रायपुर में भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के निर्माण में पार्टी और उसके कुछ नेताओं ने अरबों रुपए खर्च किए हैं। यही नहीं, रायपुर स्थित भाजपा दफ्तर एकात्म परिसर भी 1 रुपए वर्गफीट की जमीन पर बना है और अरबों रुपए का कांप्लेक्स है। इससे भाजपा को हर महीने डेढ़ करोड़ रुपए किराया आ रहा है। सुशील आनंद ने कहा कि ईडी को चाहिए कि कांग्रेस भवनों को साथ-साथ पूरी पारदर्शिता से काम करते हुए इन भवनों में लगे पैसों के सोर्स की भी जांच करे, क्योंकि उसमें बहुत बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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