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राजधानी में ड्रग रैकेट सरगना 4 पैकेट चरस, एमडीएमए और पिस्टल के साथ फंसा… नाम मनी हाइस्ट की तरह जिम्मी राय, डीपी में एस्कोबार का फोटो
राजधानी में आउटर के एक होटल में बैठकर चरस और नशीली टैबलेट की सप्लाई के मामले में फंसे आयुष अग्रवाल उर्फ प्रोफेसर का पुराना साथी तथा उसे छोड़कर अलग गैंग चला रहा शुभम सोनी रविवार को 4 पैकेट चरस, एमडीएमए टैबलेट और एक पिस्टल के साथ पकड़ लिया गया। पूछताछ में जो जानकारी मिल रही हैं, उससे पुलिस भी हतप्रभ है। नेटफ्लिक्स के चर्चित जर्मन ड्रामे मनी हाइस्ट की तर्ज पर आयुष ने अपना नाम प्रोफेसर रखा था, तो 27 साल का शुभम जिम्मी राय के नाम से काम कर रहा था। पुलिस ने उसकी वाट्सएप डीपी चेक की, तो पता चला कि उसने डीपी में दुनियाभर में कुख्यात कोलंबिया के ड्रग डान पाब्लो एस्कोबार का फोटो लगा रखा था। शुभम सालभर पहले तक आयुष के साथ काम करता था, फिर उसने अलग गैंग बना लिया। शुभम के साथ दो और युवक पकड़े गए हैं जो ड्रग पैडलर का काम कर रहे थे। शुभम मनाली (हिमाचल प्रदेश) से ड्रग्स मंगवाता था, इस सूचना के बाद पुलिस उस प्वाइंट तक भी पहुंच रही है। शुभम ने बताया कि धंधे में खतरे के कारण वह पिस्टल रखता था, जिसे उसने सोनू अग्रवाल से लिया था। इस मामले में भी पुलिस ने बैकएंड एवं फॉरवर्ड लिंक पर प्रहार शुरू कर दिया है।
एसएसपी संतोष सिंह के निर्देश पर रायपुर के सभी थानों की पुलिस और क्राइम ब्रांच नशे के खिलाफ निजात अभियान चला रही है। इस अभियान में ड्रग गैंग की गिरफ्तारी को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। दरअसल 13 मई को क्राइम ब्रांच ने आयुख अग्रवाल तथा 3 साथियों को अरेस्ट किया था, जिनमें एक महिला थी। आयुष और गैंग से काफी माल तथा आडी कार भी बरामद हुई थी। खम्हारडीह थाने में इसकी एफआईआर है। उसी केस की बारीकी से जांच में पुलिस को जिम्मी राय यानी शुभम सोनी की सूचना मिली। वह आयुष का साधी था, लेकिन उसके पकड़े जाने के करीब 6 माह पहले ही अलग होकर अपना गैंग चला रहा था। पुलिस को यह भी पता चला कि उसके पास एक पिस्टल भी है। इस सूचना पर एएसपी दौलत राम पोर्ते, एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, डीएसपी क्राइम संजय सिंह, सीएसपी राजेश देवांगन ने इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच परेश पांडेय और टिकरापारा टीआई मनोज साहू के नेतृत्व में टीम बना दी। इस टीम ने प्लान के तहत कमल विहार सेक्टर-04 में पुलिस टीम के एक सदस्य को ग्राहक बनाकर भेजा। जैसे ही पाइंटर शुभम के पास पहुंचा, पुलिस ने उसे घेरकर दबोच लिया। यह काम सावधानी से किया गया, क्योंकि पुलिस पता लगा चुकी थी कि वह पिस्टल रखता है। बहरहाल, शुभम को चरस, एमडीएमए टैबलेट, मैगजीन समेत एक पिस्टल, दो महंगे स्मार्ट फोन और कैश के साथ पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला कि शुभम एक और युवक अभिषेक साहू (27 साल) के साथ मिलकर मनाली से ड्रग्स मंगवाता था और इसे बिकवाता था। उसने जिस सोनू उर्फ लोकेश अग्रवाल (38 साल) से 1 लाख रुपए में पिस्टल मंगवाई थी, अभिषेक के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इनका माल जब्त कर कार्रवाई की जा रही है। इस आपरेशन में क्राइम ब्रांच से सरफराज चिश्ती, रविकांत पाण्डेय, नोहर देशमुख, महेन्द्र राजपूत, बसंती मौर्या, राजिक खान, महेन्द्रपाल साहू, राहुल शर्मा, दिलीप जांगड़े, हरजीत सिंह, राकेश पाण्डेय, पुरूषोत्तम सिन्हा, अभिषेक सिंह तोमर, कालेश्वर कश्यप एवं टिकरापारा थाना से सब इंस्पेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण रही।