सीएम साय कैबिनेटः गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व बनेगा 2829 किमी में
प्रदेश के चार जिलों में फैला रहेगा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने चार जिलों में फैले गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर 2829 वर्ग किमी क्षेत्र में टायगर रिजर्व बनाने के फैसला किया है। सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट ने बुधवार को सुबह हुई बैठक में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टायर रिजर्व पर मुहर भी लगा दी है। पूरे टायगर रिजर्व का सीमाकन और आगे की कार्रवाई अब छत्तीसगढ़ का वन विभाग करेगा। यहां कोयले के बड़े पैच हैं, जिनमें टायगर रिजर्व बनने के बाद उत्खनन की सारी संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगी।
सीएम साय की कैबिनेट ने राज्य वन्यजीव बोर्ड की अनुशंसा और भारत सरकार के टायगर संरक्षण प्राधिकारण की सहमति से इसे टायगर रिजर्व घोषित करने पर मुहर लगाई है। यह टायगर रिजर्व प्रदेश के चार जिलों मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर में फैला रहेगा। अभी इन जिलों में गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला अभ्यारण्य अलग-अलग हैं। इन्हें मिलाकर ही 2829 वर्ग किमी में गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व को नोटिफाई किया जा रहा है। साय सरकार को उम्मीद है कि टायगर रिजर्व बनाने के फैसले से छत्तीसगढ़ में ईको-पर्यटन का विकास होगा। साथ ही कोर एवं बफर क्षेत्र में स्थित ग्रामीणों के लिए गाइड, पर्यटक वाहन, रिसार्ट संचालन के साथ ही विभिन्न प्रकार के रोजगार के मौके भी बनेंगे। टायगर रिजर्व में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टायगर ऑथोरिटी से अतिरिक्त बजट प्राप्त होगा, जिससे क्षेत्र के गांवों में आजीविका विकास के नए-नए कार्य किए जा सकेंगे।