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छत्तीसगढ़ का बजट था डेढ़ लाख करोड़ रुपए से कम… मोदी गारंटी के लिए तीन बार में 34 हजार करोड़ और लिए… बजट हो गया पौने 2 लाख करोड़, अब इससे ज्यादा का भी संभव

छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में इस साल का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया, जो बहुमत से पास हो गया। अनुपूरक बजट 19762 करोड़ रुपए का था। दरअसल सरकार ने मौजूदा साल के लिए पिछले साल 1 लाख 47 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। इसके बाद अलग-अलग योजनाओं और वित्तीय सुधारों के लिए पैसों की जरूरत पड़ती रही। इस दौरान मेन बजट के अलावा सरकार ने तीन अनुपूरक बजट पेश किए। पहला अनुपूरक बजट 7329 करोड़ रुपए का था। दूसरे अनुरूपक बजट से करीब 806 करोड़ रुपए लिए गए और सोमवार को तीसरा अनुपूरक बजट पास किया। इस तरह सरकार ने मेन बजट के अलावा 28 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के तीन अनुपूरक बजट लिए। इससे छत्तीसगढ़ के बजट का साइज पौने 2 लाख करोड़ रुपए (1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए) हो गया है। यह छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा बजट हो गया है।

इस साल का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किए जाने के बाद विधानसभा में इस पर चर्चा हुई। इसका जवाब देते हुए वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की जनता ने पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया था, इसलिए सरकार ने इन्हें हर हाल में पूरा करने का संकल्प लिया। सरकार बनने के 12 दिन बाद किसानों को दो साल के बकाया बोनस के पूर में 37सौ करोड़ रुपए से ज्यादा दिए गए। इसके अलावा समर्थन मूल्य पर सरकार ने रिकार्ड 149 लाख टन धान खरीदी की है, जिसमें समर्थन मूल्य से लेकर बोनस की राशि तक का भुगतान किया जा रहा है। धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर सरकार ने साढ़े 25 लाख किसानों के बैंक खाते में 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा और भेज दिए। पूरे देश में किसानों के खाते में इतना बड़ा ट्रांजेक्शन नहीं हुआ। वित्तमंत्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार ने विभिन्न वित्तीय सुधार करते हुए केंद्र सरकार से 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रोत्साहन राशि हासिल की है। यह देश में सर्वाधिक है। पिछले सवाल साल में प्रदेश में गुड गवर्नेंस रहा है। इसके अंतर्गत साय सरकार ने वित्तीय संतुलन बनाया, विकास योजनाओं की रफ्तार तेज की, साथ ही पूंजीगत व्यय भी बढ़ाया। हमने फाइनेंशियल डिसिप्लीन पर काम करते हुए सुधारवादी बजट लाया। पुराने घाटे भरे, ब्याज घटाया और देनदारी निपटाने के लिए बड़े फंड का प्रावधान किया, ताकि विकास के लिए पैसे रुके नहीं। तीसरे अनुपूरक बजट के जरिए सरकार तीन बड़े लोन का प्री-पेमेंट कर रही है, ताकि हर साल 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का ब्याज बचा सकें।

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