छत्तीसगढ़ बोर्ड ने 4437 बच्चों की कापियां गलत जांची थींः क्या ये अपराध नहीं…कोई कांड तो नहीं ?
सीजी 12वीं में 10 हजार से ज्यादा बच्चों ने दी थी रीवैल-रीटोटलिंग की अर्जी

पूरे देश में नीट जैसी परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर कोहराम मचा हुआ है, एनटीए के डीजी आईएएस सुबोध कुमार सिंह हटा दिए गए हैं, इसी बीच छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल 12वीं परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना के रिजल्ट जारी किए हैं। पूरे छत्तीसगढ़ से पुनर्मूल्यांकन के 9876 और पुनर्गणना के 1084 आवेदन बच्चों ने लगाए थे। छत्तीसगढ़ बोर्ड से जारी नतीजों के मुताबिक 4437 बच्चों के पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना में नंबर बदल गए हैं। ज्यादातर के नंबर बढ़े हैं, इक्का-दुक्का के ही कम हुए हैं। इस नतीजे ने एक बार फिर बोर्ड के कापी जांचने और जोड़ घटाने के पैटर्न पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि मामला एक-दो नहीं बल्कि हजारों बच्चों के रिजल्ट बदलने का है। जिन लोगों ने पहले कापियां जांची थीं, दोबारा जांचने के बाद अगर बच्चों के नंबर बढ़े तो क्या पहले कापी जांचने वालों ने लापरवाही जैसा अपराध नहीं किया ? दूसरा अहम सवाल यह भी है कि इतने बच्चों के नंबर बढ़ने का मामला कहीं नीट के ग्रेस मार्क मुद्दे से मिलता-जुलता कोई कांड तो नहीं है ?
छत्तीसगढ़ बोर्ड में, खासकर 12वीं के रीवैल और रीटोटलिंग में अक्सर बच्चों के रिजल्ट बदल जाते हैं। कई बार तो मेरिट भी बदलती है, यानी रीवैल में नंबर बढ़ने से एक-दो बच्चे मेरिट लिस्ट में भी शामिल हो जाते हैं। बोर्ड ने अधिकृत तौर पर जारी रिजल्ट में कहा है कि 4437 बच्चों के रिजल्ट बदले हैं। साढ़े 4 हजार बच्चों का रिजल्ट बदलना कोई छोटा या नजरअंदाज करने वाला घटनाक्रम नहीं है। बोर्ड ने ही बताया है कि 153 बच्चों की कापी में नंबरों की टोटलिंग गलत थी। ऐसे कौन लोग हैं, जो कापी जांचने के बाद नंबर तक ठीक से टोटल नहीं कर पा रहे हैं, यह अहम मसला है। हैरतअंगेज बात 4237 बच्चों के रीवैल्यूएशन में नंबरों का बदल जाना है। जिन बच्चों के नंबर रीवैल में बढ़े हैं, सोचकर देखिए कि बोर्ड ने जब मुख्य नतीजे जारी किए थे, तब इन बच्चों की मनोदशा कैसी होगी, जिन्हें उम्मीद से कम नंबर मिल गए होंगे और अब जाकर बढ़े हैं। दूसरा, बोर्ड ने कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया कि जिन लोगों ने बच्चों की कापियां पहले जांची थीं, वे गलत थे या जिन लोगों ने रीवैल के आवेदन के बाद जांची, उन्होंने आंख मूंदकर नंबर बांट दिए। बहरहाल, इन सवालों के जवाब बोर्ड में कोई देने वाला नहीं है, क्योंकि अफसरों का मानना है कि यह प्रक्रिया का हिस्सा है। रीटोटलिंग और रीवैल में नंबर बदलते रहते हैं। अगर आपके बच्चे ने रीटोटलिंग या रीवैल का आवेदन किया था, तो नतीजे बोर्ड की वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर देखे जा सकते हैं।