कैट का आदेशः श्रीनिवास राव HOFF बनाए गए थे मेरिट और योग्यता पर…पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल केस हारे

छत्तीसगढ़ के वन विभाग के लिए बड़ी खबर है कि सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने पीसीसीएफ वी श्रीनिवास राव को वन बल प्रमुख (HOFF) बनाए जाने को मेरिट पर लिया गया फैसला बताते हुए इस पद पर उनकी नियुक्ति को सही करार दिया है। कैट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य की विशेष चयन समिति ने श्रीनिवास राव का वन बल प्रमुख के तौर पर चयन उनके पांच साल के रिकार्ड के आधार पर किया। उनके कामकाज को बहुत बेहतर (Outstanding) माना गया था। विशेष चयन समिति ने सुधीर अग्रवाल समेत सभी पीसीसीएफ के रिकार्ड का अध्ययन किया। समिति को केवल मेरिटोरियस का चयन करना था। इस तरह, श्रीनिवास राव को वन बल बनाने का फैसला मेरिट यानी गुण-दोष के आधार पर लिया गया, क्योंकि वे इसके पात्र थे।
वन बल प्रमुख के रूप में श्रीनिवास राव की नियुक्ति को पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल ने इस आधार पर चुनौती दी थी कि राव पीसीसीएफ के तौर पर जूनियर हैं, इसलिए उन्हें वन बल प्रमुख नहीं बनाया जा सकता। कैट के फैसले के बाद स्पष्ट है कि सुधीर अग्रवाल यह केस हार गए हैं। सीनियर आईएफएस अधिकारी श्रीनिवास राव को पिछले साल वन बल प्रमुख के तौर पर पदस्थ किया गया था। तब राज्यस्तरीय चयन समिति ने मेरिट के आधार पर राव को वन बल प्रमुख बनाने की अनुशंसा की थी। मुख्य सचिव इस समिति के प्रमुख होते हैं। इसके खिलाफ आईएफएस सुधीर अग्रवाल कैट चले गए थे। उनका तर्क था कि जूनियर अफसर को वन बल प्रमुख बनाया गया है। इस केस की सुनवाई के बाद कैट ने फैसला दिया कि पीसीसीएफ रैंक के किसी अफसर को वन बल प्रमुख बनाने का आधार मेरिट है, न कि जूनियारिटी या सीनियोरिटी। कार्य और मेरिट के आधार पर राज्य शासन इस पद पर जिस पीसीसीएफ के परफार्मेंस को योग्य माने, उसे नियुक्त कर सकता है। राज्य की चयन समिति ने अनुशंसा करने से पहले विधिवत तौर पर तब जितने भी पीसीसीएफ थे, मेरिट के आधार पर सभी के कार्यों का आंकलन किया। चूंकि श्रीनिवास राव का 5 साल का परफार्मेंस गुण-दोष के आधार पर बेहतर माना गया, इसलिए उन्हें वन बल प्रमुख बना दिया गया। इस फैसले में सब कुछ शासन के नियमानुसार ही हुआ है।