बृजमोहन अग्रवाल ने कैबिनेट मंत्री पद भी छोड़ा, अब दिल्ली में उठाएंगे छत्तीसगढ़ के मुद्दे
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में बृजमोहन को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मध्यप्रदेश के जमाने से भाजपा की हर सरकार में मंत्री रहे कद्दावर भाजपा नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। बृजमोहन ने सीएम विष्णुदेव साय की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में हिस्सा लिया और अपने मंत्रिमंडलीय साथियों के बीच इस्तीफे की जानकारी दी। कैबिनेट मीटिंग के बाहर जो जानकारी आ रही है, उसके मुताबिक सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगी बृजमोहन को विदाई दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बृजमोहन ने कैबिनेट की बैठक शुरू होते ही सीएम साय को सबसे पहले इस्तीफे की सूचना दी, इसके बाद कैबिनेट की बैठक बृजमोहनमय हो गई।
रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में सुबह से कयास लगाए जा रहे थे कि संभवतः आज बृजमोहन मंत्री पद से भी इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने 17 जून को छत्तीसगढ़ विधानसभा से भी इस्तीफा दिया था, इसलिए मंत्री पद छोड़ने की अटकलें तेज थीं। द स्तंभ ने बुधवार को लगभग 3 घंटे पहले बृजमोहन के मंत्री पद छोड़ने की संभावना इस आधार पर जताई थी कि पिछले 24 घंटे के दौरान उन्होंने अपने सभी विभागों की बैठकें ले ली थीं। उन बैठकों में हालांकि उन्होंने इस्तीफे का इशारा नहीं किया था।
बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा से पहले बार भारी वोटों से जीतकर सांसद चुने गए। इससे पहले रायपुर के सांसदों में शहीद विद्याचरण शुक्ल और रमेश बैस केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वीसी शुक्ल की केंद्रीय मंत्री के तौर पर दशकों तक भारतीय राजनीति में धाक रही और बरसों तक दिल्ली में रायपुर की पहचान ही वही रहे। बृजमोहन भी काफी बड़े मार्जिन से जीते, इसलिए संभावना जताई जा रही थी कि उन्हें छत्तीसगढ़ के कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।लेकिन मोदी 3.0 मंत्रिमंडल में बिलासपुर से तोखन साहू को जगह दे दी गई। सूत्रों का दावा है कि बृजमोहन को अनुराग ठाकुर और स्मृति ईरानी के साथ संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है, क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं और भाजपा संगठन में नए सिरे से जिम्मेदारियां जल्दी ही बांटे जाने की चर्चा है।