डीजीपी नियुक्ति में बड़ा पेंच… केंद्र सरकार ने यहां से भेजा गया पैनल लौटाया… पूछा कि एक और आईपीएस क्यों शामिल नहीं

छत्तीसगढ़ में नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति को लेकर वीकएंड पर नई दिल्ली से बड़ी खबर आई है। पता चला है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जिन तीन आईपीएस अफसरों के नाम का पैनल इस पद के लिए यूपीएससी को भेजा गया था, केंद्र सरकार ने उसे लौटा दिया है। सिर्फ लौटाया ही नहीं, बल्कि सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि आखिर एक और सीनियर आईपीएस एसआरपी कल्लूरी का नाम इस पैनल में क्यों नहीं है। बताते हैं कि इस सवाल के बाद सरकार बैकफुट में है। नया पैनल जल्दी ही संशोधन के साथ भेजा जाने वाला है, क्योंकि डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है, उससे पहले नए डीजीपी की चयन प्रक्रिया पूरी की जानी है।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में आईपीएस अशोक जुनेजा ही एकमात्र हैं, जिन्हें लगभग दो साल की सेवावृद्धि मिली और वे डीजीपी रहे। शानदार कार्यशैली के कारण आईपीएस जुनेजा को कांग्रेस सरकार जाने के बाद साय सरकार ने भी हटाने की जरूरत महसूस नहीं की, बल्कि उन्हें छह माह का एक्सटेंशन और दिया। लेकिन अब एक्सटेंशन की संभावना नहीं बताई गई है। पिछले महीने राज्य सरकार की ओर से यूपीएससी को नए डीजीपी के लिए आईपीएस पवन देव, आईपीएस अरुणदेव गौतम और आईपीएस हिमांशु गुप्ता के नामों का पैनल भेजा गया था। बताते हैं कि इस पैनल में पांच नाम थे, जिनमें आईपीएस कल्लूरी भी शामिल थे। लेकिन दो नाम हटे और तीन नामों का पैनल यूपीएससी तक पहुंचा। सूत्रों के अनुसार इसी पैनल को यूपीएससी ने छत्तीसगढ़ को इस सवाल के साथ लौटाया है कि इसमें आईपीएस कल्लूरी का नाम क्यों नहीं है। बताते हैं कि पैनल वापस किए जाने के बाद प्रशासनिक अमला बैकफुट पर है। चर्चा यह भी है कि जल्दी ही पैनल संशोधित करके भेजा जाएगा, जिसमें यूपीएससी की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब भी होगा। बहरहाल, सरकार की ओर से कोई भी इस खबर का खंडन या पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है।