बड़ी खबर… एमपी में सीनियर एएसपी को बिना आईपीएस के एसपी बनाने की तैयारी… इनके लिए 16 जिले भी चुने… छत्तीसगढ़ में जागी उम्मीद
पुलिस महकमे के लिए यह बड़ी खबर है कि मध्यप्रदेश सरकार ने आईपीएस अवार्ड हुए बिना ही सीनियर एएसपी को प्रमोशन देकर एसपी बनाने की तैयारी कर ली है। एमपी के सीएम ने राज्य पुलिस सेवा अधिकारी एसोसिएशन की पहल पर खुद यह फैसला लिया है। सीनियर एएसपी के कंधे पर नियमानुसार अशोक चिन्ह के साथ एक स्टार लगाया जाएगा और उन्हें एसपी बना दिया जाएगा। एमपी गवर्नमेंट ने इसके लिए हरदा, पांढुर्ना, मैहर, अलीराजपुर जैसे 16 जिले तथा बटालियनों में कमांडेंट के कुछ पद अलग किए हैं, जहां राज्य द्वारा प्रमोटेड एएसपी को एसपी या कमांडेंट पदस्थ किया जाएगा। मध्यप्रदेश में 110 एएसपी को इसका फायदा मिलेगा। छत्तीसगढ़ के चार दर्जन अफसरों में एमपी के इस फैसले से एसपी बनने की उम्मीद जागी है। हालांकि यहां अब तक ऐसी कोई सुगबुगाहट नहीं है। छत्तीसगढ़ में पहले भी इक्का-दुक्का नान आईपीएस को एसपी बनाया जा चुका है। लेकिन ऐसे एक-दो फैसले रैंडम लिए गए थे, किसी सिस्टम के तहत नहीं थे।
एमपी में यह पहल राज्य पुलिस सेवा के ऐसे अधिकारियों के हित में की है, जो काफी सीनियर होने के बाद भी आईपीएस अवार्ड नहीं होने की वजह से एसपी नहीं बन पा रहे हैं। एमपी राज्य पुलिस सेवा अफसरों के एसोसिएशन ने कुछ दिन पहले वहां के सीएम मोहन यादव से मिलकर पीड़ा बताई थी। सोच-विचार के बाद सीएम ने इस पर सकारात्मक सहमति दे दी है। इसके तुरंत बाद राज्य शासन ने गृह विभाग को इस आशय का निर्देश भेज दिया है। गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से तुरंत अभिमत मांगा है, ताकि प्रक्रिया को जल्दी-जल्दी आगे बढ़ाया जा सके। अफसरों का कहना है कि सीएम यादव ने सीधे पहल की है और कोई नीतिगत अड़चन नहीं है, इसलिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से इस प्रस्ताव में कोई रोकटोक नहीं होने की संभावना है। राज्य सेवा के सीनियर अफसरों को आईपीएस अवार्ड करने का पूरा मामला खाली पदों पर ही निर्भर है। इस वजह से कई सीनियर एएसपी वर्षों से आईपीएस अवार्ड होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका नंबर नहीं आ रहा है। एमपी में इसलिए यह फैसला लिया गया है। द स्तंभ ने छत्तीसगढ़ में पुलिस मुख्यालय तथा गृह विभाग के स्तर पर इस मामले को टटोलने की कोशिश की है और पता चला है कि यहां फिलहाल ऐसे किसी सिस्टम पर मंथन नहीं हुआ है।