रायपुर दक्षिण में जीत का बड़ा फैक्टर महतारी वंदन, साय सरकार के जनहितैषी फैसले और…विष्णु का सुशासन
रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में बहुत कम मतदान के बावजूद सुनील सोनी की 46 हजार से ज्यादा वोटों से बड़ी जीत में कई फैक्टर ने एक साथ काम किया है। सीएम विष्णुदेव साय की सरकार महतारी वंदन की आठ किश्तें दे चुकी हैं। इस क्षेत्र की महिलाओं ने वोटिंग में खासा उत्साह दिखाया था। साय सरकार लगातार ऐसे फैसलों को लागू कर रही है, जो आम लोगों की भलाई से जुड़े हैं। जानकारों के मुताबिक शहरी पीएम आवास योजना तथा आवासीय पट्टे बांटने की घोषणा साय सरकार के ऐसे फैसले हैं, जिनका असर हुआ है। तीसरा और महत्वपूर्ण फैक्टर विष्णु का सुशासन भी माना जा रहा है। दरअसल भाजपा ने चुनाव के समय जो घोषणा की, साय सरकार ने उन सभी घोषणाओं को पारदर्शी ढंग से तुरंत लागू किया और जो घोषणाएं की जा रही हैं, उन पर भी तुरंत अमल हो रहा है। इसके साथ सीएम साय की सरल-सहज छवि पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के खिलाफ सख्त रवैया भी मतदाताओं के मन में छाप छोड़ रहा है। विशेषज्ञों का तो यह भी कहना है कि बृजमोहन अग्रवाल की लैगेसी के साथ वहां के मतदाताओं ने सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रही सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है।
रायपुर दक्षिण राजधानी की ऐसी सीट है जो पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करती है। यहां से बही हवा पूरे राज्य मेें असर करती है। वजह यह है कि यहां राज्यभर के वोटर निवास करते हैं। इसलिए रायपुर दक्षिण में भाजपा की जीत को पूरे राज्य के जनादेश की झलक के तौर पर देखना गलत नहीं होगा। उपचुनाव में मुख्यमंत्री साय ने ऐसा कोई मुद्दा ही न छोड़ा, जिसे विपक्ष भुना सके। मुद्दे नहीं मिले तो मौलाना के चुंबन सरीखे वीडियो वायरल किए, ताकि सियासी लाभ मिले, पर यह भी कामयाब नहीं हुआ। दरअसल यह जरूरी है कि सरकार जिसके नेतृत्व में चल रही है, वह व्यक्तित्व भी मतदाताओं के लिए मुद्दा न बने। सीएम विष्णु देव साय के रूप में सरल-सहज तथा बेदाग चेहरे ने मतदाताओं को प्रभावित तो किया है।
एक और गौर करने वाली बात यह है रायपुर नगर निगम के कांग्रेसी महापौर का वार्ड भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है। महापौर के वार्ड से भी भाजपा को लीड मिली है। विश्लेषकों के मुताबिक इससे यह भी प्रमाणित हो गया कि कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी अब दरकने लगा है। कई वार्डों में जीत यह भी दर्शा रही है कि कांग्रेस के परंपरागत वोटर धीरे-धीरे कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं। प्रचार के अंतिम दिन सीएम साय के रोड-शो को जिस तरह से रिस्पांस मिला था, उससे नतीजे स्पष्ट हो गए थे। मतदान की रात भाजपा के ही कुछ रणनीतिकारों ने जोड़-घटाने के बाद संभावना जताई थी कि सुनील सोनी 25-30 हजार वोटों से जीतेंगे। लेकिन सीएम साय ने रिस्पांस के आधार पर अपने करीबियों से कहा था कि अनुमान से बहुत अधिक लीड रहेगी, क्योंकि क्षेत्र के लोगों की बाडी-लैंग्वेज से लग रहा है कि वे साय सरकार पर भरोसा कर रहे हैं। सीएम साय का अनुमान सही रहा और सुनील सोनी जीत की हाफ सेंचुरी करने से थोड़ा ही चूके।