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खराब निर्माण में फंसने लगे बड़े ठेकेदार… बीजापुर का कांट्रैक्टर ब्लैकलिस्ट… रायपुर समेत दो बड़े ठेकेदार निशाने पर

सीएम विष्णुदेव साय की भ्रष्टाचार और लापरवाही की नीति तथा डिप्टी सीएम अरुण साव के एक्शन की जद में केवल सरकारी अफसर ही नहीं हैं, बल्कि जो विभाग निर्माण से जुड़े हैं, काम में गड़बड़ी पाए जाने पर वहां के बड़े से बड़े ठेकेदार को भी उस विभाग में जीरो किया जाने वाला है। बीजापुर में नेलसनार से मिरतूर होकर गंगालूर जाने वाले सड़क के 54 किमी के पैच में गड़बड़ी पाए जाने पर वहां के ए-क्लास कांट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है। यानी अब उसे पीडब्लूडी तथा दूसरे निर्माण विभागों में काम नहीं मिलेगा। रायपुर में भी मोवा ओवरब्रिज डामरीकरण मामले में पांच इंजीनियरों को सस्पेंड करने के साथ-साथ डामरीकर कर रहे ए-क्लास कांट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी पूरी है। उसे नोटिस भी भेज दिया गया है। इसी तरह, मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर जगदलपुर हाउसिंग बोर्ड में एक निर्माण कार्यों में लापरवाही के लिए दो इंजीनियरों को तो सस्पेंड किया ही गया है, कमिश्नर ने दुर्ग के ठेकेदार एनके कंस्ट्रक्शन को भी ब्लैकलिस्ट करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

पीडब्लूडी अफसरों ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने मोवा ओवरब्रिज में घटिया सड़क निर्माण के लिए रायपुर के ए-क्लास कांट्रैक्टर केशवदास आर जादवानी को नोटिस भेज दिया है। ठेकेदार से 15 दिन में जवाब मांगा गया है। हालांकि इस नोटिस पर सवाल उठाए गए थे कि जब अफसरों को सीधे सस्पेंड किया जा रहा है, तो ठेकेदारों को मोहलत क्यों दी जा रही है। इस बारे में अफसरों का कहना है कि कांट्रैक्ट खत्म करने तथा ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की एक निर्धारित कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें नोटिस देकर जवाब लेना जरूरी है। इसीलिए नोटिस दिया गया है। हालांकि संकेत मिले हैं कि ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है तथा रायपुर और आसपास उसके बाकी काम भी छीन लिए जाएंगे। हाउसिंग बोर्ड के ठेकेदार एनके कंस्ट्रक्शन के मामले में विभाग ने एक और खुलासा यह भी किया है कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस ठेकेदार को उस काम भी भुगतान कर दिया था, जो उसने किया ही नहीं था।

 

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