नगर निगम के बाद 48 नगरपालिका, डेढ़ सौ नगर पंचायतों में भी बिठाए प्रशासक… पर इससे कंफ्यूज नहीं होना है, चुनाव फरवरी-मार्च में ही

सरकार ने तीन दिन पहले छत्तीसगढ़ के शहरी नगर निगमों में महापौर-पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने की तारीख से प्रशासक बिठा दिए हैं। रायपुर नगर निगम में 6 जनवरी से महापौर-पार्षदों का काम खत्म हो जाएगा और प्रशासक के तौर पर सब कुछ कलेक्टर अपने हाथ में ले लेंगे। इधर, शुक्रवार को दोपहर सरकार ने प्रदेश की 48 नगरपालिकाओं में भी प्रशासक बिठाने की घोषणा कर दी है। संबंधित नगरपालिका के एसडीओ राजस्व (मोटे तौर पर एसडीएम) प्रशासक रहेंगे। रायपुर जिले में अभनपुर, आरंग, गोबरा-नवापारा और तिल्दा-नेवरा में प्रशासक कार्यकाल खत्म होते ही प्रशासक सारा काम हाथ में ले लेंगे। शाम को ही नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश की 150 से ज्यादा नगर पंचायतों को भी प्रशासक के हाथों में सौंपने का आदेश जारी कर दिया है। इनमें संबंधित तहसीलदार प्रशासक होंगे। इसका आशय यह है कि प्रदेश के सभी बड़े-छोटे शहरों और कस्बों में अब महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षदों की कोई जरूरत नहीं होगी, सारा काम प्रशासक ही देखेंगे।
इन आदेशों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों का चुनाव लंबा खिंचने वाला है और कम से कम मई-जून तक जाएगा। लेकिन जो लोग भी चुनाव लड़ना-लड़ाना चाहते हैं, उन्हें इस कंफ्यूजन में बिलकुल नहीं रहना है। इसके दो-तीन कारण हैं। जैसे, नगरीय प्रशासन विभाग 7 जनवरी को आरक्षण प्रक्रिया पूरी तरह संपन्न करवा लेगा। प्रदेश के चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के फाइनल पुनरीक्षण और नाम वगैरह जुड़वाने की तारीख 15 जनवरी घोषित कर दी है। अर्थात, निर्वाचन आयोग 16 जनवरी से कभी भी चुनाव की घोषणा करने के लिए तैयार हो जाएगा, क्योंकि सारी जरूरी प्रक्रियाएं निपट चुकी होंगी। द स्तंभ को जो संकेत मिल रहे हैं, उनके मुताबिक शहरी चुनाव यानी महापौर, नगरपालिका-नगर पंचायत अध्यक्ष तथा सभी जगह पार्षदों के चुनाव फरवरी अंत या मार्च में हो सकते हैं। उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों ने भी शुक्रवार को इशारा किया है कि चुनाव में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन यह एक-दो माह से ज्यादा की नहीं रहेगी।