पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, बेटे हरीश और तत्कालीन ओएसडी जयंत से 6 घंटे से पूछताछ… आज गिरफ्तारी जैसे एक्शन के आसार नहीं… इस बार ईडी दफ्तर के सामने एक भी कांग्रेसी नहीं

छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री तथा कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा, उनके ओएसडी रहे जयंत देवांगन और बेटे हरीश कवासी को केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुबह साढ़े 10 बजे से अपने दफ्तर में बिठा रखा है और लगातार पूछताछ चल रही है। ईडी ने लखमा समेत चार लोगों को बयान देने के लिए शुक्रवार को अपने दफ्तर में बुलाया था। लखमा खुद को बेकसूर बताते हुए, भगवान को साक्षी बताते हुए और सबको राम-राम कहकर ईडी दफ्तर जाने के लिए लिफ्ट से रवाना हुए, जिसके बाद मीडिया को जाने की इजाजत नहीं है। उनसे पूछताछ के दौरान हल्ला मचा कि गिरफ्तारी हो सकती है। लेकिन कोर्ट में लखमा को पेश करने की कोई तैयारी नहीं की गई है। इस आधार पर कहा जा रहा है कि ईडी शुक्रवार को ऐसा कुछ नहीं करने जा रही है। पूछताछ के बाद देर शाम या आधी रात तक (ईडी ने लोगों को सुबह 4-4 बजे भी छोड़ा है) तीनों को जाने दिया जा सकता है। लेकिन यह स्पष्ट है कि तीनों में से जिसे भी ईडी आज रोक लेगी, उसके खिलाफ शनिवार को कुछ न कुछ एक्शन लिया जा सकता है।
लखमा और बाकी लोगों से पूछताछ के बारे में रिपोर्टिंग करने के लिए मीडिया ईडी दफ्तर के बाहर तैनात है। पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है और सभी हैरान हैं कि कांग्रेस के मौजूदा विधायक तथा पूर्व मंत्री को ईडी ने बुला रखा है, लेकिन कांग्रेस का एक पदाधिकारी या कार्यकर्ता ईडी दफ्तर के आसपास भी नहीं फटक रहा है। जबकि पूर्व में ईडी ने जितने भी नेताओं को बुलाया, कांग्रेस के बड़े-बड़े लोग विरोध करने पहुंच गए थे। इसे लेकर कई तरह की अटकलें भी लग रही हैं। यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि हो सकता है, शाम-रात तक लोग पहुंचें। बहरहाल, पूर्व आबकारी मंत्री लखमा छत्तीसगढ़ के शराब स्कैम को लेकर ईडी की एफआईआर में नामजद आरोपी हैं। ईडी की जांच में उन पर 50 लाख रुपए महीना लेने के आरोप लगे हैं। गुरुवार शाम ईडी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी कि लखमा के यहां छापों में जब्त डिजिटल डिवाइस और दस्तावेजों से भ्रष्टाचार की पुष्टि हो चुकी है। इस पोस्ट के बाद यह अनुमान भी लगाया गया है कि ईडी इस मामले में गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई भी कर सकती है। इस अनुमान की वजह से मीडिया कोर्ट परिसर पर भी नजर रखे हुए है, ताकि किसी को अरेस्ट कर पेश किया जाए तो तुरंत सूचना मिल जाए। वहां से भी अब तक ईडी के वकीलों के आने-जाने के कोई संकेत नहीं मिले हैँ।