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विधानसभा दिनभरः बलौदाबाजार हिंसा पर पोस्टर, आरोप और वाकआउट…73सौ करोड़ के अनुपूरक बजट पर रात तक चर्चा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र का दूसरा दिन भी बेहद हंगामेदार रहा। सरकार की ओर से वित्तमंत्री ने अलग-अलग योजनाओं के लिए 73सौ करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। इस पर रात तक चर्चा चली और बीच-बीच में बलौदाबाजार हिंसा तथा अन्य मुद्दों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोंक-झोंक हुई। इस दौरान सत्तापक्ष के एक सदस्य ने पोस्टर लहराए तो स्पीकर डा. रमन सिंह ने नाराजगी जताते हुए इस मामले में व्यवस्था दे दी। एक वरिष्ठ सदस्य ने बलौदाबाजार हिंसा में कांग्रेस के दो विधायकों के शामिल रहने का आरोप लगाया तो दोनों पक्षों में तीखा विवाद शुरू हो गया। बाद में कांग्रेस विधायक वाकआउट कर गए। रेडी टू ईट के मुद्दे पर कांग्रेस की महिला विधायकों ने भी वाकआउट किया।

वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने प्रथम अनुपूरक बजट पेश करते हुए कहा कि इसके जरिए सरकार ने स्‍कूल, कॉलेज, सड़कें, भवन और नए उद्यानों समेत कई विषयों पर फंड का प्रावधान किया है। अनुपूरक बजट में रायपुर में कई जगह स्ट्रीट लाइटों के लिए भी फंड का प्रावधान किया गया है। अनुपूरक बजट पर शुरू हुई चर्चा रात तक चली। कांग्रेस के सदस्य उमेश पटेल ने आरोप लगाया कि अनुपूरक बजट के जरिए सरकार महतारी वंदन योजना के लिए फंड का इंतजाम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सिर्फ 7 माह में 25 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है। जबकि कांग्रेस सरकार ने 5 साल में 50 हजार करोड़ का कर्ज लिया था तो बीजेपी वाले पानी-पीकर कोसते थे।

बलौदाबाजार हिंसा पर गरमाया रहा सदन

विधानसभा में दोपहर के बाद अनुपूरक बजट पर चर्चा चल ही रही थी कि भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने टिप्पणी की कि बलौदाबाजार हिंसा में दरअसल कांग्रेस ने साय सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी, जिसमें इसी सदन में मौजूद 2 विधायक शामिल थे। इस टिप्पणी से भड़के कांग्रेस सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की और माफी की मांग पर अड़ गए। इसी दौरान भाजपा के एक सदस्य ने पोस्टर लहराए, जिस पर स्पीकर डा. रमन सिंह ने व्यवस्था दी। हंगामे से सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित की गई। कार्रवाई दोबारा शुरू हुई, तब भी कांग्रेस के सदस्य अड़े रहे और फिर सदन का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य भूपेश बघेल ने इस मामले में कहा कि किसी विधायक पर आरोप लगाने से पहले इसकी जानकारी आसंदी को दी जानी चाहिए और अनुमति भी ली जानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या आरोप लगाने से पहले अनुमति ली गई थी। स्पीकर डा. रमन सिंह ने इस मामले में भी व्यवस्था दी।

महिला विधायकों ने कर दिया वाकआउट

कांग्रेस की महिला विधायकों अनिल भेड़िया, सावित्री मंडावी और संगीता सिन्हा ने ध्यानाकर्षण सूचना में आंगनबाड़ी में रेडी-टू-ईट के वितरण में शिकायतों का मामला उठाया और आरोप लगाया कि इसके वितरण में न सिर्फ देरी की गई, बल्कि जो पोषण आहार आया, उसमें फफूंद की शिकायतें थीं। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस मुद्दे पर जवाब दिया, लेकिन जवाब से असंतुष्ट तीनों विधायकों ने वाकआउट कर दिया।

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