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विदेशी शराब खरीदने वाले 8 लाइसेंसी, इनमें अधिकांश बड़े ठेकेदार, अरबों की चोट से हड़कंप

बड़े कारोबारियों के साथ आज शाम हो सकती है आला अफसरों की बैठक

महंगी विदेशी शराब खरीदने के लिए 8 बड़े शराब कारोबारियों को दिए गए लाइसेंस रद्द करने तथा सरकार की तरफ से ही खरीदी की नीति से लिकर लाबी में खलबली मच गई है, क्योंकि सिर्फ इस नीति के बदलने से तीन-चार कारोबारियों को अरबों रुपए का झटका लग सकता है। वजह ये है कि लाइसेंसी कारोबारियों ने विदेशी शराब खरीदकर बेवरेजेस कार्पोरेशन के गोदामों में भेज रखी है। नीति में बदलाव को 24 घंटे बीत गए हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि इन ठेकेदारों ने जो शराब खरीदकर सरकार को दी है, उसका पेमेंट किस तरह होगा। यही नहीं, एफएल-10 ए और बी लाइसेंस की फीस तगड़ी है। नीति बदलने के बाद लाइसेंस स्वतः निरस्त हो जाएंगे। ठेकेदारों को दूसरा बड़ा टेंशन यह है कि लाइसेंस फीस के तौर पर दी गई रकम की वापसी कम होगी। यह अमाउंट भी काफी ज्यादा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल ने कल हुई बैठक में शराब नीति बदली है। इसका सीधा असर उन 8 लाइसेंसियों पर पड़ने वाला है, जिन्हें विदेशी शराब खरीदने की इजाजत मिली हुई है। यह नीतिगत बदलाव छोटा नहीं है, बल्कि इससे बड़े ठेकेदारों की आय बंद हो जाएगी, जो करोड़ों रुपए में है। जानकारों के मुताबिक ज्यादातर बड़े ठेकेदारों का बड़ा-बड़ा स्टाक बेवरेजेस कार्पोरेशन में है। सूत्रों का कहना है कि इस शराब के एवज में पेमेंट हो जाएगा, लेकिन इसमें कितना समय लगेगा, नीतिगत बदलाव के बाद यह स्पष्ट नहीं है। इस वजह से काफी बातें अंधेरे में हैं। पता चला है कि सभी 8 लाइसेंसी गुरुवार की शाम वाणिज्यिक कर सचिव समेत आला अफसरों से मिलने वाले हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उन्हें लाइसेंस फीस कब वापस होगी और खरीदी गई शराब का पेमेंट कब होगा। लेकिन बड़ी बात यह है कि साय सरकार ने विदेशी शराब की खरीदी में बिचौलियागिरी खत्म कर दी है। अर्थात लाइसेंसियों को शराब खरीदने और इसे सरकार को सप्लाई करने में होने वाली आय ही बंद हो जाएगी। पिछले छह-सात वर्षों में यह किसी भी सरकार की ओर से ठेकेदारों को दिया गया सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि लाइसेंसियों का एक तरह से बिजनेस ही खत्म होने जा रहा है। उधर, सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार खरीदी करेगी, तो इसमें गड़बड़ियां की गुंजाइश नहीं के बराबर रहेगी। बिचौलियों के हटने से व्यवस्थागत सुधार की उम्मीद भी की जा रही है।

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