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Whatsapp Fraud: दोस्त की डीपी लगाकर मदद के बहाने दिल्ली में कैश लेकर गायब… रायपुर पुलिस ने राजस्थान से ठगों को 20 लाख रु के साथ पकड़ा
अगर आपके पास किसी दोस्त या भाई-बहन के दोस्त का उसकी डीपी और उसी तरह की आवाज के साथ फोन आए, वह कईं भी फंसा होने की बात करके पैसे मांगे, तो बिना कन्फर्म किए मदद करने का जमाना चला गया। राजस्थान के पांच ठगों ने रायपुर के एक कारोबारी को उसके भाई के पक्के दोस्त की डीपी लगाकर काल किया। दिल्ली में पैसे कम पड़ने की बात कहकर रुपए मांगे। कारोबारी ने भाई से कंफर्म किया और उसने डीपी देखकर दोस्त होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद कारोबारी ने दिल्ली में अपने एक संपर्क से काल करने वाले को लाखों रुपए दिलवा दिए।
पुलिस के मुताबिक जिस दोस्त की डीपी और वाट्सएप काल देखकर कारोबारी ने उसकी मदद करवाई थी, करीब एक माह बाद उससे पैसे वापस मांगे तो वह खुद हैरान रह गया। उसने बताया कि वह न तो दिल्ली गया, न वाट्सएप काल कर पैसे मांगे। बात खुली तो कारोबारी ने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट लिखवा दी। पुलिस और क्राइम ब्रांच ने जब चैट्स और गैजेट का एनलिसिस किया, तब पता चला कि फ्राड हो गया। इस रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने सिविल लाइंस थाने की पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच को भी लगा दिया। वाट्सएप काल का पीछा करते-करते पुलिस ने तकरीबन एक महीने में राज्सथान के स्वरूप सिंह और सुरेश पुरोहित को दबोचा, तब खुलासा हुआ कि डीपी लगाकर फ्राड इसी गैंग ने किया था। ठगों से पुलिस ने 20 लाख रुपए जब्त किए गैंग के तीन और लोगों को गिरफ्तार कर 8 महंगे मोबाइल जब्त किए। इन मोबाइल फोन्स की कीमत भी 8 लाख रुपए आंकी गई है। वाट्सएप डीपी और काल के जरिए की गई ठगी में पुलिस ने राजस्थान के जालोर से सुरेश पुरोहित, करोली से वैभन जैन, बाडमेर से खानू खान, यहीं से स्वरूप सिंग और जैसलमेर से हैदर खान को गिरफ्तार किया तथा रायपुर लेकर आई। इस पूरे इन्वेस्टिगेशन में इंस्पेक्टर रोहित मालेकर, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच परेश पांडेय, एसआई सतीश पुरिया तथा लक्ष्मीनारायण साहू समेत गुरूदयाल सिंह, महेन्द्र राजपूत, प्रमोद बेहरा, हिमांशु राठौड़, तुकेश निषाद तथा लालेश नायक शामिल थे।