इतना कबाड़… बिलासपुर के एसईसीएल में 80 एकड़ में फैला है 2200 टन स्क्रैप, हटाने से मिलेगी 30 लाख वर्गफीट जगह
एसईसीएल ने छेड़ा है स्वच्छता ही सेवा अभियान, इसी के तहत हटाएंगे कबाड़
बिलासपुर में कोल इंडिया की कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने गुड गवर्नेंस पर अमल करने की सोची है। कंपनी इस दिशा में अपने परिसर में फैले कबाड़ को हटाने पर काम कर रही है। क्या आप जानते हैं, एसईसीएल के पास इस वक्त 2200 टन कबाड़ है। इसे हटाने से एसईसीएल की 30 लाख वर्गफीट यानी तकरीबन 80 एकड़ जगह खाली होगी। कबाड़ हटाने से कंपनी को 10 करोड़ रुपए का मुनाफा भी होगा। इसे प्रदेश में स्क्रैप हटाने का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है। यही नहीं, गुड गवर्नेंस के तहत एसईसीएल ने डिजिटल गवर्नेंस के जरिये लंबित फाइलों, ई-फाइलों और शिकायतों को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी कर ली है। यहीह नहीं, कंपनी “स्वच्छता ही सेवा 2024” अंतर्गत सफाई अभियान, बच्चों को जागरूक करने स्वच्छता की पाठशाला आदि का आयोजन भी कर रही है।
केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार व लोक शिकायत विभाग तथा केंद्रीय कोयला मंत्रालय के निर्देश पर सभी सरकारी दफ्तरों में स्वच्छता को बढ़ावा देने एवं लंबित प्रकरणों एवं शिकायतों को कम करने के लिए अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में एसईसीएल ने भी 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत एसईसीएल ने इस बार 2200 टन स्क्रैप हटाने की योजना बनाई है। इससे लगभग 30 लाख वर्गफुट जगह खाली होगी, जहां स्क्रैप पड़ा है। खाली होने वाली इस जगह के उपयोग की योजना भी बनाई जा रही है।
अभी चल रहा स्वच्छता ही सेवा अभियान
एसईसीएल इस विशेष अभियान 4.0 के दौरान पहले चरण में 14 सितंबर से “स्वच्छता ही सेवा” अभियान चालू कर चुका है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों और नदियों की सफाई चल रही है। यह अभियान 2 अक्टूबर तक चलेगा। इसके अलावा सफाई मित्रों के सम्मान समारोह आयोजित कर उपहार देकर सम्मानित किया जा रहा है। बच्चों में अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वच्छता की पाठशाला एवं नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है। विदित हो कि एसईसीएल भारत की दूसरी बड़ी कोयला कंपनियों में है। यह छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में 60 से अधिक कोयला खदानें चला रही है। एसईसीएल की कोरबा में दो खदानें गेवरा एवं कुसमुंडा दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान हैं।