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The Stambh Alert: मेडिकल भर्ती फ्राड शुरू, कोरबा में 20 लाख की ठगी का केस… जान लें कि कोई नहीं करवा सकता भर्ती

छत्तीसगढ़ और देशभर के मेडिकल कालेजों में आल इंडिया और प्रदेश स्तर पर एमबीबीएस फर्स्ट इयर की सीटों के लिए पहले राउंड का अलाटमेंट शुरू हो गया है। जो भी बच्चा नीट एग्जाम में अपीयर हुआ और क्वालिफाई कर चुका, उसके तथा पैरेंट्स के मोबाइल नंबर न जाने कहां से लोगों को मिल जाते हैं और दिन में एडमिशन के नाम पर दिन में दस-दस फोन का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ये काल जेनुइन भी हो सकते हैं, लेकिन बता दें कि रविवार को कोरबा में एडमिशन के नाम पर 20 लाख रुपए के फ्राड में 4 युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। नीट 2022 में एक बच्ची के क्वालिफाई करने के उसकी मां को काल आया और उसने धोखेबाजों के झांसे में आकर बंगाल के एक कालेज में दाखिले के लिए पैसे दिए, पर दाखिला हुआ ही नहीं। नीट काउंसिलिंग के जानकारों का कहना है कि मेडिकल कालेज, उनका कटआफ और एडमिशन के बारे में सब कुछ इंटरनेट पर है। किसी काल के झांसे में आने के बजाय पैरेंट्स खुद जानकारियां इकट्ठा करेंगे, या रायपुर में चिकित्सा शिक्षा विभाग में संपर्क करेंगे तो उन्हें काफी इंफरमेशन मिल सकती है।

इस सीजन में मेडिकल एडमिशन फ्राड की पहली खबर कोरबा के बांकीमोगरा से आ रही है। बांकीमोगरा पुलिस ने चार युवकों रंजीत पांडेय, सौरभ झा, सौरव दत्ता और राहुल बावरे के खिलाफ दफा चारसौबीसी में एफआईआर की है। इन युवकों ने नीट क्वालिफाई करनेवाली बच्ची के माता-पिता को झांसा दिया। देवांगन परिवार की ओर से की गई एफआईआर के मुताबिक नीट क्वालिफाई करते हुए उन्हें रंजीत नाम के व्यक्ति का फोन आया। उसने बच्ची का एडमिशन दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में करवाने का झांसा दिया और देवांगन परिवार को दुर्गापुर बुलवाया। इससे पहले उसने बाकी इंतजाम के लिए अपने अकाउंट में 50 हजार रुपए डलवा लिए। दुर्गापुर जाने के बाद उसने बच्ची के पूरे ओरिजिनल डाक्यूमेंट जमा करने के लिए लिए। उसने यहीं सौरभ, सौरव और राहुल से भी मुलाकात करवाई। एक दिन बाद उसने 14 लाख रुपए आरटीजीएस और 16 लाख रुपए कैश लिए और दिखावे के लिए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी। रात 9 बजे तक एडमिशन कंफर्म नहीं हुआ तो उसने कहा कि पोर्टल बंद हो गया, 15 दिन बाद खुलेगा। इसके कुछ दिन बाद सौरभ ने देवांगन परिवार से कहा कि इस साल तो मुश्किल है, अगले साल चेन्नई में एडमिशन करवा देंगे, पर वहां 40 लाख रुपए और लगेंगे। इस तरह, चारों ने 20 लाख रुपए कैश ले लिए और अब तक एडमिशन नहीं करवाया। देवांगन परिवार ने दबाव बढ़ाया तो एक बार 94000 रुपए लौटाए। बची हुई रकम कालेज से मिलने के बाद देने का वादा किया और कुछ समय बाद फोन उठाना बंद कर दिया। थक-हारकर देवांगन परिवार की ओर से इसकी एफआईआर करवाई गई और कोरबा पुलिस ने जांच शुरू की।

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