नई सुविधा से प्रापर्टी की रजिस्ट्री हो गई 20 मिनट में… सरकारी रिकार्ड में खरीदने वाले का नाम भी चढ़ गया… जमीन घोटाले रोकने नया दौर, सीएम ने 10 सुविधाएं दीं

छत्तीसगढ़ में कोई भी व्यक्ति संपत्ति खरीदना या बेचना चाहे, तो रजिस्ट्री दफ्तर उसके लिए बड़ा रोड़ा नहीं रहा। शनिवार को सीएम विष्णुदेव साय ने रजिस्ट्री के लिए 10 नई सुविधाएं शुरू कर दीं। इन सुविधाओं की शुरुआत के साथ उन्होंने शनिवार को रजिस्ट्री करवाने वाले कुछ लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लाइव बातचीत भी कर डाली। इस दौरान बालोद के सनौद गांव के मोहनलाल साहू ने लाइव आकर कहा कि रजिस्ट्री की तैयारी में दो हफ्ते के चक्कर लगते थे। जिस दिन रजिस्ट्री करनी होगी, सुबह से शाम हो जाती थी। आज उन्होंने अपने बेटे के लिए 1700 वर्गफीट जमीन की रजिस्ट्री करवाई। पूरी प्रक्रिया अंगूठा लगाए बिना सिर्फ 20 मिनट में निपट गई। कांफ्रेंस में ही रायपुर के अयूब अहमद ने बताया कि पहले नामांतरण में एक माह तक लग जाता था। आज रजिस्ट्री हुई और तुरंत नामांतरण भी हो गया। फिर सीएम साय ने बलौदाबाजार के प्रसन्न शुक्ला और प्रवीण शुक्ला, मंदिरहसौद के वेदप्रकाश सिन्हा, बलौदाबाजार के दिनेश यादव और पंडरिया के दिनेश्वर पटेल पंडरिया को नामांतरण प्रमाणपत्र भी वितरित कर दिए।
सीएम साय ने रजिस्ट्री में 10 नई सुविधाएं शुरू करते हुए कहा कि ऑफलाईन बंद कर ऑनलाईन सिस्टम से भ्रष्टाचार के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। समारोह में मंत्री ओपी चौधरी, मंत्री टंकराम वर्मा, मंत्री लखनलाल देवांगन, चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी उपस्थित थे। सीएम साय ने इन सुविधाओं के साथ-साथ हर क्षेत्र में हुए रिफार्म का उल्लेख किया और कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया गया है। राज्य सरकार सभी स्तर पर डिजिटल गवर्नेंस को अपना कर सुशासन स्थापना की दिशा में कार्य करते हुए शासकीय काम-काज में पारदर्शिता ला रही है। यही वजह है कि रजिस्ट्री और नामांतरण में महीनों लग जाते थे, अब यह काम मिनटों में निपट जाएंगे। कार्यक्रम में वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि पंजीयन विभाग ने सुधारों को लागू करने के लिए दिन-रात मेहनत की है। सरकार ने पंजीयन विभाग में अनेक सुधार किये हैं। फर्जी रजिस्ट्री को शून्य करने का अधिकार पंजीयन महानिरीक्षक को दिया गया है। पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारे पर पंजीयन शुल्क केवल 5 सौ रुपए कर दिया गया है। डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए सुगम एप के माध्यम से 2 लाख से अधिक संपत्तियों की जियो टैगिंग सुनिश्चित की गई है।