बस से सफर कर रहे थे अफसर, हादसे में मृत्यु… परिजनों को डेढ़ करोड़ रु. से अधिक मुआवजे के आदेश… यह अब तक के बड़े मुआवजा केसेज में एक

यह अहम खबर छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले से आई है। यहां के मोटर दुर्घटना दावा अभिकरण ने बड़ा फैसला करते हुए हादसे में मृत महिला बाल विकास अफसर के परिजन को 1.58 करोड़ रुपए मुआवजे के आदेश दिए हैं। इस केस की सुनवाई और फैसला भी केवल 10 महीने में हुआ है। हादसे में मृत अफसर हरिकीर्तन राठौर कांकेर में पदस्थ थे। वे बस से धमतरी से दफ्तर जा रहे थे, तब 28 अगस्त 2024 को हादसे का शिकार हुए। दरअसल मरकाटोला घाट के पास बस की एक ट्रक से टक्कर हुई, जिसमें अफसर बुरी तरह घायल हुए। अफसर को रायपुर में रामकृष्ण अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। एक्सीडेंट का केस बालोद में दर्ज हुआ था।
मामले की सुनवाई सक्ती जिले के प्रथम अपर मोटर दुर्घटना दावा अभिकरण ने शुरू की थी। कल अपने अहम फैसले में अभिकरण के पीठासीन अधिकारी प्रशांत शिवहरे ने मृत अफसर के परिजन को 1 करोड़ 58 लाख 25 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया। यह केस मृत अफसर की पत्नी-बच्चों ने बीमा कंपनी के खिलाफ दायर किया था। अभिकरण ने इस केस की सुनवाई में पाया कि हादसा बस ड्राइवर की लापरवाही से हुआ था। चूंकि बस का इंश्योरेंस था, इसलिए अभिकरण ने बीमा कंपनी को आदेश दिए कि कंपनी इतना मुआवजा मृतक की पत्नी और बच्चों को दे। सक्ती के न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का दावा है कि जिले और आसपास यह अब तक का सबसे बड़ा दुर्घटना मुआवजा है। रायपुर के वकीलों का भी कहना है कि सिंगल केस में मुआवजे की यह राशि काफी बड़ी है।