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रायपुर के पांचों कांग्रेस पार्षदों के इस्तीफे को पार्टी ने पेंडिंग किया… नेता प्रतिपक्ष विवाद को दूर करने बनाई जांच समिति

राजधानी में आठ में से पाँच कांग्रेस पार्षदों की अभूतपूर्व बगावत पर फ़ैसला करने के बजाय पार्टी ने पूरे मामले को ही पेंडिंग कर दिया। पार्टी किसी भी पार्षद का इस्तीफ़ा स्वीकार करने के मूड में नहीं है। बल्कि नेता प्रतिपक्ष बदले जाने से उपजे आक्रोश को फ़िलहाल दबाने के उपाय शुरू कर दिए गए हैं। सबसे पहले इस मामले को जाँच में डाला गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर तीन सदस्यों की जांच समिति गठित कर दी गई है। पूर्व विधायक लेखराम साहू की अध्यक्षता में गठित कमेटी में प्रेमचंद जायसी और सुनील माहेश्वरी को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री मलकीत गैदु की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति से उपजे विवाद को लेकर लेखराम कमेटी रायपुर शहर अध्यक्ष, इस्तीफ़ा देने वाले पांचों पार्षदों के अलावा सभी संबंधित नेताओं से मिलेगी। कमेटी को तीन दिन बाद अर्थात् मंगलवार को रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को सौपनी है।

प्रदेश कांग्रेस से जारी की गई चिट्ठी

बता दें कि कांग्रेस ने मार्च में दो बार के पार्षद संदीप साहू को रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया था। लेकिन एक माह के भीतर ही संदीप की जगह पार्षद आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया गया। इस फैसले से नाराज संदीप साहू समेत पाँच कांग्रेस पार्षदों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देते हुए इसे सीधे पीसीसी चीफ बैज को भेजा। हालांकि पार्षदों ने नगर निगम से इस्तीफ़ा नहीं दिया है, इसलिए उनकी पार्षदी में संकट नहीं है।

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