साय सरकार ने नवाचार, कौशल को प्रमोट करने की बनाई रणनीति… जनसंपर्क में इसीलिए किया बदलाव
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय का मानना है कि सरगुजा से बस्तर तक का पूरा क्षेत्र स्थानीय कौशल, इनोवेशन और परंपरा की महक से भरा हुआ है। इनका प्रसार से छत्तीसगढ़ की एक अलग पहचान बन सकती है, साथ ही गांव-गांव में इस तरह के नवाचार में लगे स्वयंसेवी संगठनों, खासकर महिलाओं की आय में काफी वृद्धि हो सकती है। मंगलवार को जशपुर जिले के मयाली में सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक से पहले सीएम साय ने विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी देखी। इसकी खासियत ये थी कि क्षेत्र की महिलाओं ने महुए के ऐसे प्रोडक्ट बनाए हैं, जो विस्मित करने वाले हैं। लेकिन इनका जशपुर से बाहर प्रचार नहीं है, इसलिए छत्तीसगढ़ के लोगों को भी पता नहीं है कि इस तरह के अनोखे प्रोडक्ट प्रदेश में तैयार हो रहे हैं। इसीलिए सरकार ने अब इस तरह की विशेषताओं को जनसंपर्क विभाग जरिए अलग तरह से प्रसारित करने की रणनीति पर काम शुरू किया है। लंबे मंथन के बाद सरकार ने इसी रणनीति को ध्यान में रखते हुए आईएएस रवि मित्तल को जनसंपर्क विभाग में कमिश्नर बनाया है।
दरअसल इसके पीछे सीएम साय की सोच यह है कि सरकार अगर आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रयास कर रही है, तो यह भी जरूरी है कि वहां हो रहे नवाचार यानी इनोवेशन और वहां के खास लोकल प्रोडक्ट्स को भी सामने लाया जाए। यह भी विकास का ही एक हिस्सा है। आदिवासी क्षेत्रों ही नहीं, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ में इस तरह के स्थानीय प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग के लिए स्थानीय स्वयंसहायता समूहों के पास कोई संसाधन नहीं है और विकल्प भी नहीं है। इसलिए साय सरकार जनसंपर्क विभाग को और मजबूत करना चाहती है, ताकि इस बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा सके। अफसरों का कहना है कि आयुक्त के रूप में पदस्थ आईएएस रवि मित्तल इस काम को बखूबी कर सकते हैं, यही वजह है कि सीएम साय की मंशा पर उनकी पदस्थापना की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के प्रचार और ब्रांडिंग से दूरस्थ अंचल में काम कर रहे स्वयंसेवी संगठनों, खासकर अनोखे प्रोडक्ट तैयार कर रहे महिला स्वयंसेवी संगठनों को ताकत मिलेगी।