Strict Action: ट्रैक्टर वाले ने साइड नहीं दिया, तो उसे गुस्से में थाने भिजवाने वाली मानपुर तहसीलदार सस्पेंड
छत्तीसगढ़ में साय सरकार द्वारा प्रभाव दिखाने वाले नेताओं-अफसरों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को पुलिस ने मंत्री के जेठ के खिलाफ बदसलूकी के मामले में एफआईआर की थी, तो शनिवार को राजस्व विभाग ने मोहला-मानपुर में पदस्थ तहसीलदार संध्या नामदेव को सस्पेंड कर दिया। तहसीलदार के खिलाफ शिकायत हुई थी कि उनकी गाड़ी को एक ट्रैक्टर वाले ने साइड नहीं दिया, तो उन्होंने ड्राइवर को पिटवाया और उसे तथा ट्रैक्टर को पुलिस के जरिए थाने में जमा करवा दिया। शासन की ओर से करवाई गई जांच में शिकायत सही पाई गई। इस आधार पर तहसीलदार को सस्पेंड कर दुर्ग जिले में अटैच कर दिया गया है।
राजस्व विभाग से जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि 16 अगस्त को मानपुर से शिकायत आई थी कि वहां पदस्थ तहसीलदार ने साइड नहीं देने पर ट्रैक्टर वाले को पिटवाया, फिर पुलिस बुलवाकर ट्रैक्टर को मानपुर थाने में रखवा दिया। इस शिकायत पर मोहला-मानपुर कलेक्टर ने तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। तहसीलदार ने इसके जवाब में शिकायत को मनगढ़ंत करार दिया। जवाब के बाद प्रशासन जांच करवाई, तब पता चला कि घटना सही थी और तहसीलदार ने ही ट्रैक्टर को मानपुर थाने भिजवाया था। शासन की ओर से हो रहे सवाल-जवाब पर कलेक्टर ने रायपुर भेजी गई जांच रिपोर्ट में कहा कि तहसीलदार ने इस घटना की सूचना न तो आला अफसरों को दी, और न ही ट्रैक्टर चालक तथा ट्रैक्टर पर कार्रवाई के लिए ऊपर से अनुमति ही ली। तहसीलदार ने विधिवत जांच-पड़ताल करवाए बिना ट्रैक्टर जब्त करवा दिया। इस घटनाक्रम को शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) एक्ट के विपरीत माना है। इस आधार पर 30 अगस्त की शाम तहसीलदार संध्या नामदेव को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए गए। राजस्व विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि तहसीलदार दुर्ग में अटैच की गई हैं और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा।