आज की खबर

बिलासपुर के बिल्डर को जमीन देने के खिलाफ अमलीडीह में बवाल, पूरा बंद… विधायक का पूर्व कलेक्टर पर निशाना

बिलासपुर के बिल्डर रामा बिल्डकान को राजधानी के अमलीडीह में कथित तौर पर स्कूल-कालेज के लिए आरक्षित 9 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित करने के मामले में बवाल हो गया है। इलाके के निवासी इस जमीन को बिल्डर को देने के खिलाफ सड़कों पर आ गए और अमलीडीह बंद करवा दिया। न केवल अमलीडीह बंद रहा, बल्कि लोगों ने धरना-प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। माहौल गरमाने लगा तो भाजपा विधायक मोतीलाल साहू भी आए और स्कूल-कालेज के लिए आरक्षित जमीन बिल्डर को आवंटित करने का विरोध कर दिया। जमीन आवंटन का यह मामला सीएम विष्णुदेव साय तक पहुंचने की भी सूचना है। इस मामले में राजधानी के राजस्व अफसरों के खिलाफ भी माहौल बन रहा है। अमलीडीह के नागरिक ही नहीं, विधायक साहू ने भी इस मामले में राजस्व अफसरों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि आवंटन के आगे की प्रक्रिया रुकवा दी गई है। अमलीडीह के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर आवंटन रद्द नहीं हुआ, तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इधर, इस मामले में जिला प्रशासन अब तक रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है और किसी तरह का पक्ष सामने नहीं आया है। बिल्डर की ओर से भी स्पष्टीकरण की सूचना नहीं है।

बिलासपुर के बिल्डर को राजधानी के अमलीडीह में बेशकीमती 9 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित करने का मामला सोमवार को नगर निगम की महापौर परिषद में उठा था। पांच एमआईसी मेंबरों ने यह मामला उठाते हुए कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा इलाके के 8 बार विधायक रहे सत्यनारायण शर्मा ने पिछले कार्यकाल में यह जमीन स्कूल-कालेज और खेल मैदान यानी शैक्षणिक प्रयोजन के लिए आरक्षित करवा दी थी। वजह यह थी कि इस इलाके में इस जमीन के अलावा अब कोई सरकारी जमीन नहीं बची है। एमआईसी की बैठक में निगम आयुक्त आईएएस अबिनाश मिश्रा ने यह कहकर हाथ खड़े किए थे कि जमीन आवंटन का नगर निगम से कोई लेना-देना नहीं है और मामला उनकी जानकारी में भी नहीं है। हालांकि जानकारों का कहना है कि निगम कमिश्नर की बात सही है, क्योंकि जमीनों का आवंटन जिला प्रशासन और भूखंड बड़ा रहने की दशा में प्रस्ताव राज्य शासन तक जाता है।

मतगणना से पहले गुपचुप अनुशंसा की गईः साहू

विधायक मोतीलाल साहू ने राजधानी के दैनिक छत्तीसगढ़ से बातचीत में कहा कि अमलीडीह में कालेज नहीं है। एक कालेज है, जो स्कूल में चल रहा है। उसके लिए जमीन जरूरी है और इस भूखंड के अलावा वहां कोई और जमीन नहीं है, जहां कालेज बनवाया जा सके। इसलिए 9 एकड़ सरकारी जमीन का बिल्डर को आवंटन रद्द होना ही चाहिए। इस मामले में रायपुर के पूर्व कलेक्टर की भूमिका पर विधायक मोतीलाल ने सवाल उठाए हैं और कहा कि पूर्व कलेक्टर ने मतगणना से तीन दिन पहले गुपचुप तरीके से आवंटन की अनुशंसा की थी, जिसके आधार पर जमीन बिल्डर को आवंटित कर दी गई।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button