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रायपुर फायरिंगः 6 राज्यों में 8 दिन की घेरेबंदी में फंसे 4 गैंगस्टर आज लाए जाएंगेः हैंडलर अमनदीप का ऐसा प्रभाव…लोकल पुलिस से नहीं मिली मदद

झारखंड में करोड़ों की ठेकेदारी कर रही फर्म पीआरए के दफ्तर पर रायपुर में 13 जुलाई को हुई गोलीबारी में क्राइम ब्रांच ने 6 राज्यों में 8 दिन तक घेरेबंदी की थी। झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार और दिल्ली में 45 से ज्यादा आपरेशन चलाने के बाद 6 गैंगस्टर को पकड़ा गया, जिनमें से 4 को हरियाणा के सिरसा और झारखंड में रांची से ट्रांजिट रिमांड पर आज रायपुर लाया जाएगा। अमन साहू गैंग की तरफ से सिरसा के जिस गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि को रायपुर में फायरिंग की सुपारी दी गई थी, उसका प्रभाव ऐसा है कि उसकी गिरफ्तारी से लेकर वैपन वगैरह की जब्ती में लोकल पुलिस से छत्तीसगढ़ की टीम को कोई मदद नहीं मिली। अमनदीप को पुलिस सतर्कता के साथ रायपुर ला रही है और मंगलवार को सुबह कोर्ट में पेश करेगी। सिरसा गैंग के जिन दो शूटरों ने रायपुर में फायरिंग की थी, उन्हें भी घेर लेने की खबर है। हालांकि आला पुलिस अफसर इस मामले में खामोश हैं।

रायपुर में फायरिंग के बाद से क्राइम ब्रांच की आधा दर्जन टीमें मंगलवार तक अलग-अलग राज्यों में घेरा डाले हुए हैं। गैंगस्टर छत्तीसगढ़ में दोबारा आने से पहले सोचें, इसलिए कार्रवाई में बहुत सख्ती बरती जा रही है। जिन लोगों ने गैंगस्टर्स को रेलवे स्टेशन तक छोड़ा, या बाइक में पेट्रोल भरवाया, भले ही उन्हें वारदात की जानकारी न हो, पुलिस उन सभी के साथ सख्ती बरत रही है, ताकि यह क्लीयर मैसेज जाए कि छत्तीसगढ़ में वारदात के लिए छोटी सी मदद करने पर भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। जहां तक अन्य राज्यों में कार्रवाई के दौरान मदद का मामला है, सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन के आधार पर झारखंड के कई गैंगस्टर्स को शार्ट लिस्ट कर वहां की पुलिस को सूची सौंपी है। झारखंड पुलिस ने भी छत्तीसगढ़ के इनपुट पर गैंगस्टर्स के खिलाफ आपरेशन लांच कर दिया है।

झारखंड के ठेकेदारों से बात करेगी पुलिस

छत्तीसगढ़ के ठेकेदारों ने झारखंड में बड़ी संख्या में ठेके ले रखे हैं और यहां रहकर ठेके चला रहे हैं। पुलिस के संज्ञान में यह बात आई है कि झारखंड में अमन साहू गैंग तथा दूसरे छोटे गैंगस्टर्स हफ्ता वसूली के लिए ठेकेदारों पर दबाव बनाते हैं और दबाव बढ़ाने के लिए ही गैंगस्टर्स ने छत्तीसगढ़ आना-जाना शुरू किया है। हालांकि ऐसी घटनाएं बहुत कम थीं, लेकिन रायपुर में पिछले डेढ़ माह में दो बार गैंगस्टर्स पहुंचे और एक बार फायरिंग करने में कामयाब हो गए। इसीलिए छत्तीसगढ़ पुलिस के कुछ आला अफसरों की सोच है कि ठेकेदारों से बात करके ऐसे कदम उठाने की जरूरत है, ताकि गैंगस्टर की छत्तीसगढ़ में एंट्री पर ही काबू पाया जा सके।

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