धान के कटोरे ने बनाया डेढ़ करोड़ टन का नया रिकार्ड… सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर आज आधी रात से धान खरीदी बंद

छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से अब तक के धान उत्पादन और खरीदी के सारे रिकार्ड इस साल टूट गए हैं। सरकार ने समर्थन मूल्य पर शुक्रवार, 31 जनवरी को अंतिम दिन शाम 6 बजे तक 149 लाख टन से ज्यादा धान खरीद लिया है। पिछले साल 145 लाख टन से कुछ कम धान खरीदी की गई थी। सैकड़ों केंद्रों में धान खरीदी अंतिम दिन होने की वजह से आज रात 12 बजे तक चलेगी। इसलिए सीएम विष्णुदेव साय की सरकार को उम्मीद है कि खरीदी इस बार डेढ़ करोड़ टन के पार हो जाएगी और धान खरीदी का विगत 25 साल का नया कीर्तिमान स्थापित होगा। इस बार धान बेचने वाले किसानों की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इस बार साढ़े 25 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। समर्थन मूल्य यानी 2300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार किसानों को पेमेंट कर रही है और इस खबर के लिखे जाने तक किसानों के खाते में 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक भेजे जा चुके हैं। यही नहीं, 3100 के मान से बचे हुए 800 रुपए प्रति क्विंटल के भुगतान की व्यवस्था भी साय सरकार ने कर ली है और फरवरी में किसी भी समय ये पैसे भी एकमुश्त किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
मार्कफेड के एमडी आईएएस रमेश शर्मा ने बताया कि अंतिम दिन शाम तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 25 लाख 49 हजार पंजीकृत किसानों ने अब तक धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 31 हजार 89 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। खाद्य विभाग के अफसरों ने बताया कि खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी से धान का उठाव भी चल रहा है। अब तक राइस मिलर्स को 121 लाख टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी कर दिया गया है। अब तक 100 लाख टन धान का उठाव भी हो चुका है। बता दें कि राज्य सरकार ने इस साल 27.78 लाख किसानों का पंजीयन करवाया था, जिसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल हैं।