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आईएमए के आह्वान पर अस्पतालों में ओपीडी बंद, मरीज परेशान…कल शुरू होंगी

कोलकाता में जूनियर डाक्टर की बेरहमी से हत्या के विरोध में देशव्यापी प्रोटेस्ट

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी शनिवार को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं। निजी अस्पतालों की ओपीडी रविवार को सुबह खुल जाएंगी, लेकिन सरकारी अस्पतालों में रविवार के अलावा सोमवार को भी रक्षाबंधन के अवकाश की वजह से ओपीडी बंद रहेंगी, यानी मरीजों की बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में जांच अब मंगलवार को ही होगी। आईएमए, चिकित्सा सेवा से जुड़े सभी संगठन और मेडिकल छात्र कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टर के उत्पीड़न और जघन्य हत्या का विरोध कर रहे हैं। वे आरोपियो की गिरफ्तारी के अलावा डाक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग भी कर रहे हैं। आईएमए के रायपुर अध्यक्ष डा. राकेश गुप्ता तथा डा. दिग्विजय सिंह ने ओपीडी बंद रहने के कारण मरीजों को होने वाली असुविधा के लिए खेद जताया है।

राजधानी में एम्स और अंबेडकर अस्पताल से लेकर सभी सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी बंद है, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई हैं। आईएमए के आह्वान पर चिकित्सा सेवा तथा औषधि से जुड़े सभी संगठन समर्थन में आ गए हैं। आयुर्वेद कालेज ने भी आईएमए के समर्थन में ओपीडी बंद रखी है। जूनियर डाक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। ईएसआईसी अस्पताल और फार्मेसी भी आंदोलन में शामिल हैं। इसके अलावा कई और संगठनों ने जूनियर डाक्टर के साथ हुई बेरहमी पर दुख व्यक्त करते हुए आंदोलन के समर्थन की घोषणा की है।

ओपीडी बंद रहने से मरीज हुए परेशान

ओपीडी बंद रहने से मरीजों को परेशानी भी उठानी पड़ी है। एम्स अस्पताल में आज जिनका जांच के लिए नंबर आया था, वे सुबह पहुंचे थे लेकिन ओपीडी बंद रहने के कारण उन्हें लौटना पड़ा है। जूनियर डाक्टरों के प्रोटेस्ट की वजह से मरीजों को अंबेडकर अस्पताल में भी दिक्कत आई है। यहां तक कि अधिकांश निजी अस्पतालों तथा प्राइवेट मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पतालों की ओपीडी बंद रहने के कारण भी मरीजों को असुविधा हुई है। हालांकि अधिकांश अस्पतालों में ओपीडी रविवार को दिन में शुरू हो जाएगी।

बिना लाउडस्पीकर निकाला था मार्च

आईएमए ने शनिवार रात कैंडल मार्च निकाला था, जिसमें लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया गया था। कैंडल मार्च में तकरीबन 3 हजार लोग शामिल हुए थे। लेकिन पूरा प्रोटेस्ट वालेंटियर्स ने ही कंट्रोल किया। आईएमए के चेयरमैन डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करने के अलावा कैंडल मार्च सभी मार्गों पर किनारे चला, जिससे ट्रैफिक प्रभावित नहीं हुआ। तेलीबांधा तालाब के सामने भीड़ बढ़ने के कारण ट्रैफिक बाधित हुआ और लोगों को असुविधा हुई, जिसके लिए आईएमए ने खेद जताया है।

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