एक सिपाही की खुदकुशी, दो की अरेस्टिंग के बाद अब राजनांदगांव पुलिस भर्ती रद्द

छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में चल रही सिपाही भर्ती प्रक्रिया में से राजनांदगांव की भर्ती रद्द कर दी गई है। राजनांदगांव पुलिस भर्ती में जैसी गड़बड़ियां सामने आई हैं, अब तक प्रदेश की किसी भर्ती में ऐसा देखने में नहीं आया था। भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी उजागर होने के बाद एसपी ने चारसौबीसी की एफआईआर करवाने के बाद जांच शुरू करवा दी थी। जिनसे बयान लिए जा रहे थे, उनमें से एक सिपाही ने 10 दिन पहले खुदकुशी कर ली थी। अब तक गड़बड़ी के इस मामले में दो और सिपाही अरेस्ट किए जा चुके हैं। डेटा अपलोड करनेवाले दो कंप्यूटर आपरेटर तथा एक उम्मीदवार को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। जांच चल रही रही है, इस बीच राजनांदगांव की भर्ती रद्द किए जाने की खबर आई है। इसका अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है। फिलहाल गृहमंत्री विजय शर्मा के मीडिया प्रभारी ने वाट्सएप पर भर्ती रद्द करने की दो लाइन की सूचना मीडिया को भेजी है। बताते हैं कि राजनांदगांव में सिपाही भर्ती में गड़बड़ी की खबरों से सीएम विष्णुदेव साय नाराज थे। उनके निर्देश पर ही भर्ती रद्द की जा रही है।
इस मामले ने राज्य के अन्य जिलों में चल रही भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट के डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया और इसकी पारदर्शिता पर ही गंभीर सवाल उठा दिए हैं। राजनांदगांव में एक उम्मीदवार के गोल फेंक में दर्ज किए गए नंबर को लेकर विवाद उठा था और जांच में पाया गया था कि कई उम्मीदवारों के फिजिकल टेस्ट में नंबर ज्यादा अपलोड किए गए हैं, जबकि उनका परफार्मेंस कमजोर था। प्रदेेश के सभी जिलों में फिजिकल टेस्ट के डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया यही है, इसलिए इस सिस्टम पर सवाल हैं। हालांकि अब तक किसी और जिले से शिकायत नहीं आई है। द स्तंभ ने कुछ अफसरों से बात की, तो उनका कहना था कि एक बार अगर किसी प्रोसेस में गड़बड़ी सामने आ गई, तो उस प्रोसेस को पूरी तरह समाप्त करके नए और फूलप्रूफ सिस्टम के साथ प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। लेकिन अफसरों का ही एक वर्ग उनसे सहमत नहीं है। उनका कहना है कि जिन जिलों में डेटा अपलोड करने का काम पूरी तरह क्रास चेक करके हो रहा है, वहां भर्ती रोकने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है, सिपाही भर्ती प्रक्रिया रायपुर में भी चल रही है और यहां अब तक किसी तरह की शिकायत सामने नहीं आई है।