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अबूझमाड़ में भीषण मुठभेड़, 29 माओवादी मारे गए, इनमें एरिया कमांडर शंकर भी

दो कमांडर ललिता और राजू भी थे मौके पर, दोनों के बारे में अभी सूचना नहीं

कांकेर जिले के अबूझमाड़ इलाके में मंगलवार को दोपहर माओवादियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में फोर्स ने 29 माओवादियों को मार गिराया है। बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने इस मुठभेड़ की पुष्टि कर दी है। बताया जाता है कि डीआरजी और फोर्स को माड़ एरिया में बड़ी संख्या में नक्सलियों के होने की खुफिया सूचना मिली थी। यह भी सूचना थी कि वहां माओवादियों का एरिया कमांडर शंकर तथा दो और प्रमुख कमांडर ललिता और राजू भी हैं। पुख्ता सूचना आधार पर पार्टियां रवाना की गई थीं। सूत्रों के मुताबिक मारे गए नक्सलियों में माड़ एरिया कमेटी के कमांडर शंकर का संभवतः शव मिल गया है। उस पर 25 लाख रुपए का ईनाम था। शेष कमांडरों के बारे में पता नहीं चला है। माओवादी भाग रहे हैं, लेकिन शाम 7 बजे तक मुठभेड़ जारी रहने तथा फोर्स की ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग की सूचना है। आईजी सुंदरराज ने इस कार्रवाई को बस्तर का अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी आपरेशन करार दिया है। शाम 7 बजे अधिकृत पुलिस सूत्रों ने बताया कि 29 शव मिल चुके हैं। सर्चिंग भी चल रही है।

मुठभेड़ कांकेर के छोटे बेड़िया थाना इलाके के बिनागुंडा जंगल में हुई है। यह एरिया अबूझमाड़ का हिस्सा है तथा धुर नक्सल प्रभावित माना जाता है। यहीं जंगल में नक्सलियों की कंपनी तथा कमांडरों के कैंप करने की सूचना मिली थी। इस आधार पर फोर्स सुबह निकली थी। जैसे ही जवान बिनामुंडा जंगल में पहुंचे, माओवादियों ने फायर कर दिया। लेकिन फोर्स सतर्क थी, इसलिए जवाब में तुरंत हैवी फायरिंग की गई। फोर्स का जवाबी हमला इतना ताकतवर था कि माओवादियों के पांव उखड़ गए और वे पीछे हटने लगे। माओवादियों को पीछे धकेलने के बाद वहीं से 29 नक्सलियों के शव मिले हैं। पीछे हटते हुए माओवादियों और फोर्स के बीच फायरिंग चल रही है। इस गोलीबारी में सीएएफ के एक इंस्पेक्टर और एक जवान को भी गोली लगी है। दोनों की हालत गंभीर नहीं है। उन्हें इलाज के लिए रायपुर रेफर किया जा रहा है।

एलएमजी, एके और कार्बाइन समेत काफी गोला-बारूद हो चुका बरामद

माओवादियों के शवों के साथ बड़ी संख्या में हथियार मिल रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सिंगल बैरल बंदूकों के साथ अब तक सात एके-47 राइफलें, लाइट मशीनगन, कार्बाइन और काफी गोला-बारूद मिल चुका है। हथियारों की और बरामदगी की संभावना है। अफसरों ने बताया कि अंधेरा होने की वजह से उचित सुरक्षा इंतजाम के बिना फोर्स को शव लेकर रात में जंगल से बाहर आने से मना किया गया है। कोशिश की जा रही है कि माओवादियों के शव छोटे बेड़िया थाने में पहुंचाएं जाएं, जहां से कल पोस्टमार्टम के लिए कांकेर लाया जाएगा। गौरतलब है, बीजापुर हफ्तेभर पहले ही फोर्स के साथ मुठभेड़ में 13 माओवादी मारे गए थे। यही नहीं, पिछले दो हफ्ते से माओवादियों के सरेंडर में भी तेजी आई है।

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