नया विजनः भविष्य के लिए सचिव दयानंद ने 10 हजार मेगावाट और बिजली की तैयारी शुरू करवाई
छत्तीसगढ़ की बिजली कंपनी के लिए शुक्रवार एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज होगा, जब बिजली कंपनी के चेयरमैन तथा ऊर्जा सचिव आईएएस पी दयानंद ने कंपनी को भविष्य की जरूरत के लिए 10 हजार मेगावाट और बिजली बनाने की तैयारी में जुटने के लिए कह दिया है। छत्तीसगढ़ में बिजली की जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं, कंपनी के पास ऐसे संसाधन हैं जिनपर फोकस करके बिजली उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए आईएएस दयानंद ने अफसरों को इस लक्ष्य के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। दरअसल साय सरकार का बिजली के मामले में यह विजन है कि छत्तीसगढ़ को ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के नक्शे में टाप पर ले जाना है।
आईएएस दयानंद ने डंगनिया स्थित बिजली कंपनी मुख्यालय में लंबी बैठक ली, जिसमें कई आला अफसरों ने प्रजेंटेशन भी दिए। एमडी-जनरेशन एसके.कटियार ने पाॅवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए बिजली की जरूरतें और प्रोजेक्ट्स के बारे में विस्तार से बताया। सचिव दयानंद ने पिछले साल भर की उपलब्धियों को राहनीय बताया। उन्होंने कहा कि हमारे थर्मल पावर बिजलीघरों का देश के स्टेट सेक्टर यूटिलिटीज में अव्वल आना गौरव का विषय है। साथ ही इस बार कंपनी की 800 करोड़ तक की आमदनी के अनुमान पर भी उन्होंने संतोष जताया।
कई प्लांट की समीक्षा, नए बिजलीघरों पर भी मंथन
ऊर्जा सचिव दयानंद ने कोरबा पश्चिम और मड़वा की सुपर क्रिटिकल विस्तार परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी को कोरबा पूर्व में बंद परियोजनाओं की भूमि पर नया बिजलीघर लगाने पर भी सोचना चाहिए। पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं से लगभग 6000 मेगावाट अधिक बिजली उत्पादन पर जरूरी टिप्स दिए, साथ ही सोलर सेक्टर में भी 1000 मेगावाट उत्पादन की संभावनाओं पर अफसरों तथा इंजीनियरों को काम करने के लिए कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि बिजली कंपनी के पास जो भी खाली जमीन पड़ी है, उसका बिजली उत्पादन बढ़ाने या अन्य सकारात्मक उपयोग क्या हो सकते हैं, इसकी योजना बनाकर चर्चा की जाए। बैठक में पॉवर कम्पनी के विभिन्न विभागों के कार्यपालक निदेशक एमएस कंवर, सीएल नेताम, एमआर बागड़े, चीफ इंजीनियर एच एन कोसरिया, हेमंत सिंह, गिरीश गुप्ता के अलावा एजीएम (जनसंपर्क) उमेश कुमार मिश्र भी उपस्थित थे।