आज नौतपा खत्म…सब सही रहा तो मानसून 10 दिन में, बादल दो दिन में छंटेंगे, गर्मी का ये आखिरी हफ्ता

नौतपा विज्ञान का नहीं बल्कि ज्योतिष विज्ञान का टर्म है और उनके हिसाब से आज, सोमवार को नौतपा खत्म हो गया है। अभी जो बादल दिख रहे हैं, उनसे प्री-मानसून का अनुमान मत लगाइये, क्योंकि ये एक चक्रवात के असर से आए हैं, जो मंगलवार तक छंट जाएंगे। उसके बाद दो-चार दिन फिर गर्मी पड़ सकती है। इसके बाद प्री-मानसून बौछारें पड़ेंगी लेकिन कब तक, यह भी बताए देते हैं। दरअसल अभी मानसून की रफ्तार राकेट की तरह है। यह केरल और नार्थ ईस्ट में समय से दो दिन पहले ही छा चुका है और वहां जबर्दस्त बारिश चल रही है। कोई रुकावट नहीं आई तो यह छत्तीसगढ़ में भी दो दिन पहले, यानी मोटे तौर पर 13 जून को सुकमा-बीजापुर की तरफ से दाखिल होगा। इसके दो-तीन दिन के भीतर यह रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में छा जाएगा तथा 18 तारीख तक पूरा छत्तीसगढ़ कवर हो जाएगा। इस लिहाज से प्री-मानसून बौछारों की उम्मीद 10 जून से कर सकते हैं, जिसमें अभी पूरा एक हफ्ता बाकी है।
मानसून वर्षा 1135 मिमी, इस बार ज्यादा रहेगी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग अप्रैल और मई में लांग रेंज फोरकास्ट में कह चुका है कि इस बार मानसूनी बारिश ज्यादा होगी। मौसम विभाग के उपमहानिदेशक रह चुके मौसम विज्ञानी एमएल साहू के मुताबिक ज्यादा बारिश के दो कारण है। पहला, जून-जुलाई में ला-नीना इफेक्ट शुरू हो जाएगा। दूसरा, इंडियन ओशन डाईपोल (आईओडी) भी पाजिटिव है। यह दोनों ज्यादा बारिश लेकर आते हैं। यह दोनों मानसून अच्छा होने का फेवर करते हैं। इसलिए उम्मीद कर सकते हैं कि औसत बारिश इस बार ज्यादा हो सकती है।
ऐसा नहीं है कि अब लू नहीं चल सकती
छत्तीसगढ़ में रविवार शाम से कई जगह बारिश हुई है। रायपुर समेत राज्य के बड़े हिस्से में अब भी बादल हैं। लेकिन ये मानसून का प्रभाव नहीं है। दरअसल हिमालय की तराई में पश्चिमी विक्षोभ है। इस वजह से मध्यभारत के ऊपर एक चक्रवात बन गया है। बादल उसी के असर से आए हैं और मंगलवारग शाम तक छंट जाएंगे। संभव है कि उसके बाद यानी बुधवार की दोपहर गर्म हो जाए और यह सिलसिला एक-दो दिन चले। लेकिन नमी रहेगी और जहां दोपहर में ज्यादा गर्मी पड़ जाएगी, वहां शाम को अंधड़ के साथ फुहारें (थंडर शावर) पड़ सकती हैं।