मर्डर मिस्ट्रीः कारोबारी अक्षत की हत्या के 72 घंटे बाद भी खुद की सुपारी किलिंग का ही एंगल…कई सवाल इसलिए चलेगी जांच
आरोपी मंडल के कई केस, हत्या पहले ही स्वीकार ली लेकिन बार-बार यही बयान
अंबिकापुर के प्रतिष्ठित स्टील कारोबारी महेश कुमार केड़िया के नौजवान बेटे तथा कारोबारी अक्षत अग्रवाल का मर्डर 72 घंटे बाद भी मिस्ट्री बना हुआ है। सरगुजा एसपी आईपीएस योगेश पटेल ने शुक्रवार को दोपहर अंबिकापुर में प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस मामले में आरोपी संजीव मंडल को जेल भेजा जा रहा है। एसपी पटेल ने बताया कि संजीव मंडल की निशानदेही पर अक्षत का शव मिला, बंदूक-गोलियां, अक्षत के गहने और कैश जब्त हुए, लेकिन हत्या के मामले में वह खुद की सुपारी वाली बात ही कह रहा है। मंडल ने बयान दिया है कि अक्षत को उसी के कहने पर गोली मारी थी। अपनी हत्या के एवज में अक्षत ने उसे कैश और पिस्टल दी थी, वारदात के बाद अक्षत के करीब 8 लाख रुपए के सोने के ब्रेसलेट, चेन और अंगूठियां वही उतारकर ले गया था। नई बात सिर्फ यही आई है कि अक्षत ने मंडल को फोन कर शाम करीब 6 बजे उसी जगह पर बुलाया था, जहां कार में उसका शव मिला। मंडल अपनी बाइक से वहां पहुंचा था। दो घंटे के भीतर ही अक्षत को गोली मारने के बाद मंडल सब कुछ ले भागा। पिस्टल-गोलियां उसने इंजीनियरिंग कालेज के पास झाड़ियों में फेंकी थीं, जो बरामद कर ली गईं। वह कैश में केवल 2 हजार रुपए ही खर्च कर पाया था और मोबाइल के तकनीकी विश्लेषण के जरिए पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पकड़े जाने पर उसने कुछ देर पुलिस को गुमराह भी किया, लेकिन सुबह स्वीकार कर लिया कि अक्षत की उसने गोली मारकर हत्या कर दी है। उसी की बताई जगह पर पुलिस ने कार में अक्षत का शव तथा उससे संबंधित सारा सामान बरामद कर लिया था।
एसपी योगेश पटेल ने कहा कि आरोपी संजीव मंडल ने अब तक सारी जानकारियां सही दी हैं। उसकी निशानदेही पर हत्या से जुड़े सभी सबूत पुलिस को मिल चुके हैं। लेकिन अक्षत ने खुद को मारने के लिए सुपारी दी थी, इस बिंदु पर अब भी विस्तृत जांच की जरूरत है। इसलिए आला पुलिस अफसरों को मिलाकर एक जांच टीम बना दी गई है, जो कई बिंदुओं पर जांच करेगी। इस मामले में दो अहम सवाल हैं। क्या कोई व्यक्ति खुद को मारने के लिए दूसरे को कह सकता है, जबकि उसके पास पिस्टल-गोलियां दोनों हों ? दूसरा, अगर यह बात सही भी है तो ऐसी क्या वजह हो सकती है कि एक नौजवान खुद को सुपारी देकर मरवाने पर आमादा हो जाए? इस केस से जुड़े अफसरों का कहना है कि अक्षत का कारोबार भी ठीक था, लाइफ स्टाइल भी अच्छा था और परिवार भी खुशहाल है, किसी तरह का कोई इशू नहीं था। बहरहाल, यह छत्तीसगढ़ में पिछले एक-दो दशकों में पहली ऐसी वारदात है, जिसके तरीके और वजह पर आम लोग तो दूर, खुद अंबिकापुर पुलिस के वो सारे अफसर भी पूरी तरह यकीन नहीं कर पा रहे हैं, जो इस मामले की जांच में लगे हैं। आरोपी संजीव मंडल को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है। एसपी तथा अफसरों का कहना है कि इस मामले की आगे विस्तृत जांच जरूरी है, ताकि सही वजह सामने आए। आरोपी मंडल ने अब तक सारी बातें सही बताईं, लेकिन उसने हत्या का जो कारण बताया है, उस पर अंबिकापुर पुलिस ज्यादा भरोसा इसलिए भी नहीं कर पा रही है, क्योंकि मंडल आदतन अपराधी रहा है।