शराब स्कैम… ईडी ने पूर्व सीएस विवेक ढांड को बताया मुखिया, लिखा… Liquor syndicate… was working under the aegis of… Mr VIVEK DHAND

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के कथित 2 हजार करोड़ रुपए के शराब स्कैम में प्रदेश के पूर्व सीएस विवेक ढांड पर घेरा कसते हुए उन्हें इस घपले का मुखिया करार दिया है। दरअसल ईडी ने कांग्रेस विधायक तथा पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रिमांड पर लेने के लिए 10 पेज का एक नोट अदालत में जमा किया। इस रिमांड नोट के ब्रीफ फैक्ट्स के कालम के (ई) में ईडी की ओर से लिखा गया है… That the liquor syndicate consisting of Mr Anwar Dhebar, Mr Anil Tuteja and Mr Arunpati Tripathi, was working under ke aegis of retired IAS officer Mr Vivek Dhand. He was Also a beneficiary bo the scam…। पूर्व आईएएस विवेक ढांड के नाम के साथ लिखी इन लाइनों से पूरा मामला एक और नए मोड़ पर पहुंच गया है, क्योंकि ढांड छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के न सिर्फ टीचर रहे हैं, बल्कि वे सरकार में शुरुआती दो-तीन साल तक मुख्य सलाहकार के रूप में बेहद प्रभावशाली भी रहे।
ईडी ने रिमांड नोट में कहा कि इसी सिंडीकेट ने 2019 से 2022 के बीच कई अवैध तरीके अपनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया। ईडी ने कहा कि पिछली सरकार के समय शराब नीति में परिवर्तन कर एफएल-10 ए जैसे नए लाइसेंस की शुरुअात की गई। डिस्टलरी में सप्लाई किए जाने वाले सामान, बोतलें और होलोग्राम समेत पूरे सिस्टम पर इसी सिंडीकेट का कब्जा रहा और उन्हीं के आधार पर शराब दुकानों में कर्मचारियों को सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों की नियुक्ति तक होती रही। ईडी के मुताबिक नकली होलोग्राम इस स्कैम में सबसे बड़ा प्रमाण है, जिसकी जांच उत्तरप्रदेश पुलिस भी कर रही है। बता दें कि शराब स्कैम में ईडी अब तक 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। कांग्रेस विधायक लखमा को भी अरेस्ट कर लिया गया है। वे अभी ईडी के पास रिमांड पर हैं, जिनसे दफ्तर में पूछताछ की जा रही है। लखमा के स्वास्थ्य के लिए डाक्टरों की टीम भी बुलवाई जा रही है, क्योंकि उनकी ओर से हार्ट पेशेंट होने के दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए हैं। जहां तक पूर्व सीएस विवेक ढांड का सवाल है, ईडी की ईसीआर में उनका नाम पहले से है, लेकिन क्रम में काफी पीछे है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब ईडी ने उन्हें इस पूरे सिंडीकेट का मुखिया ही बता दिया है और साथ में अपने रिमांड नोट पर यह भी लिखा है कि वे भी शराब घोटाले के लाभान्वितों में से एक थे।