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रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के 23 अस्पतालों का लाइसेंस रद्द, 5 को नोटिस.. मामला पीएम आयुष्मान स्कीम में फर्जीवाड़े का

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री योजना में अस्पताल मरीजों को मुफ्त इलाज दे रहे हैं या नहीं, इस पर सरकार ने निगरानी बढ़ा दी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की नेशनल एंटी फ्राड टीम ने अस्पतालों के फर्जी दावों का एलर्ट भेजा था। इस पर छत्तीसगढ़ की नोडल एजेंसी ने पिछले दो हफ्ते में रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के दो-दो अस्पतालों का रोज बारीकी से जांच कर योजना में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इस आधार पर सरकार ने 15 अस्पतालों का लाइसेंस एक साल के लिए रद्द कर दिया है। 4 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन 6 माह और 4 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन 3 माह के लिए निरस्त किया गया है। इसके अलावा बाकी 5 अस्पतालों को चेतावनी जारी की गई है। सीएम विष्णुदेव साय ने चेतावनी दी है कि आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी

दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट समय-समय पर फर्जी दावों की पहचान कर ट्रिगर भेजती रही है। इसी को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ शासन ने विस्तृत परीक्षण कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद राज्य नोडल एजेंसी ने संदिग्ध अस्पतालों की पहचान कर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया गया। इस दौरान डाक्टरों-अफसरों की संयुक्त टीमों ने रोज दो अस्पतालों की गहन जांच की थी। निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी मिलने पर सभी 28 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। जवाब से संतुष्ट नहीं होने के कारण शासन ने नियमानुसार अस्पतालों पर एक्शन ले लिया। सीएम साय ने इस कार्रवाई को जरूरी बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का उद्देश्य प्रदेश के हर नागरिक को सुलभ और निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करना है।। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य योजनाओं की पारदर्शिता को लेकर पूरी तरह गंभीर है और जो भी अस्पताल नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।

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