IT Raid : दुबई-अफ्रीका तक बिजनेस-गोदाम, 12 लाकर 20 बैंक खाते, डेढ़ करोड़ कैश और किलो में जेवर… रायपुर के राइस मिलर पर छापे से आयकर भी हैरान

रायपुर में सत्यम बालाजी राइस मिलर और जगुआर शो-रूम चलाने वाले पुरुषोत्तम अग्रवाल और उनके भाई के ठिकानों पर छापेमारी से जो राज खुल रहे हैं, उनसे आयकर विभाग के अफसर भी हैरान हैं। तकरीबन 24 ठिकानों पर पिछले 24 घंटे से चल रही जांच में विभाग ने न केवल बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है, बल्कि कई ऐसी बातें भी खुली हैं, जो पूरे छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स को पता ही नहीं है। आयकर सूत्रों के मुताबिक जांच में अब तक अग्रवाल बंधुओं के अलग-अलग ठिकानों से डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा कैश और किलो में कीमती ज्वेलरी मिल चुकी है। विभाग ने बैंकों से 20 खातों का हिसाब मांगा है, 12 बैंक लाकर की जांच की अनुमति ले ली गई है। बड़ा राज यह खुला है कि छत्तीसगढ़ के अलावा इस फर्म के काकीनाड़ा के अलावा दुबई और साउथ अफ्रीका में भी गोदामों का पता चल रहा है। सत्यम बालाजी राइस मिलर्स ग्रुप पर छापे की पूरे प्रदेश के राइस मिलर्स में चर्चा है और वहां से यह बात निकलकर आ रही है कि इनका छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स से कोई लेना-देना ही नहीं है। यहां तक बताते हैं कि यह ग्रुप राइस मिलर्स एसोसिएशन का सदस्य भी नहीं है और खुद ही काम करता रहा है। इसीलिए राइस मिलर्स की तरफ से इस मामले में कोई भी रिएक्शन नहीं आ रहा है।मिली जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप ने केवल 20 साल में बड़ी सत्ता स्थापित की है। आयकर विभाग की टीमें अभी भी पुरुषोत्तम अग्रवाल और भाई के राजीवन नगर स्थित निवास, राठौर चौक स्थित गोदाम, जगुआर शोरूम और भनपुरी की राइस मिल में डटी हैं। मोवा के इस ग्रुप के एक परिसर के भीतर आयकर विभाग को छह राइस मिलें मिली हैं, जबकि सड़क से एक ही मिल नजर आती है। इस ग्रुप ने छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, ओड़िशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में गोदामों के साथ-साथ कमीशन एजेंट्स का जाल फैला रखा है और आईटी की टीमें इनमें से अधिकांश जगह मौजूद हैं।