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साय केबिनेट का अहम फैसला… शहरों के लिए अब टाउन डेवलप स्कीम्स… रायपुर में आ सकते हैं कमल विहार 2, 3 जैसे प्रोजेक्ट

कमल विहार के सभी फेस पूर्व भाजपा सरकार में थे टाउन डेवलपमेंट स्कीम्स का हिस्सा

सीएम विष्णुदेव साय की केबिनेट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में ओबीसी विकास प्राधिकरण, सरगुजा, मध्य क्षेत्र और बस्तर विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन के अनुमोदन के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में शहरों के सुनियोजित विकास के लिए टाउन डेवलप स्कीम्स (टीडीएस) की नई नीति का अनुमोदन कर दिया है। इसका आशय यह है कि हर शहर के लिए ऐसी टीडीएस योजनाएं बनेंगी, जिनसे उन शहरों का हर तरह से प्लान्ड तरीके से विकास हो सकता है। आपको याद होगा कि रायपुर में करीब डेढ़ दशक पहले छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी टाउनशिप कमल विहार का उदय इसी टाउन डेवलपमेंट स्कीम के तहत हुआ था। जल्दी ही नई टीडीएस बनने लगेंगी। जानकारों का मानना है कि राजधानी रायपुर के लिए भी टाउन डेवलपमेंट स्कीम्स बनाई जाएंगी। तकरीबन एक दशक पहले पूर्ववर्ती डा. रमन सरकार के कार्यकाल में रायपुर में कमल विहार फेस-2 और कमल विहार फेस-3 का कांसेप्ट टाउन डेवलपमेंट स्कीम का ही हिस्सा था। इसलिए इस विषय के जानकारों में चर्चा है कि रायपुर के लिए ये योजनाएं फिर जीवित हो सकती हैं, या इसी तरह की दूसरी टाउन डेवलपमेंट स्कीम्स जल्दी आ सकती हैं, ताकि नया रायपुर के साथ-साथ मौजूदा रायपुर को भी सुंदर और नियोजित शहर का स्वरूप दिया जा सके।
सीएम साय की पहल पर टीडीएस को फिर शुरू करने का बड़ा निर्णय उनकी केबिनेट ने ले लिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टीडीएस) का अनुमोदन किया गया हौ। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है। बता दें कि पूर्व में भी टीडीएस के तौर पर कमल विहार का विकास आवास एवं पर्यावरण विभाग ने आरडीए के माध्यम से ही किया था। इसके बाद तत्कालीन टीडीएस-3 और टीडीएस-4 योजनाएं लाई जाने वाली थीं, जो कमल विहार का माना तक एक्सटेंशन माना गया था। बहरहाल, साय केबिनेट ने तय किया है कि प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण जरूरी है। इससे नगर विकास योजनाएं, आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेंगी।
प्राधिकरणों में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के लिए संशोधन
साय केबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए आंशिक संशोधन की अनुमति दी है। संशोधन ऐसे हैं कि पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को भी अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों में ये संशोधन लागू कर दिए गए हैं। इसके अलावा केबिनेट ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार की मंजूर की गई राशि का अनुमोदन किया है।
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