मलेशिया से गैंगस्टर मयंक का मेल- ईगो हर्ट किया इसलिए मारने भेजा…पुलिस ने बचा लिया पर आते रहेंगे
झारखंड एटीएस पहुंची रायपुर, गैंग से कई एनकाउंटर हो चुके एटीएस के

रायपुर के कोल कारोबारी और रायगढ़ के सड़क ठेकेदार की सुपारी लेकर आए शूटरों के मलेशिया में बैठे हैंडलर तथा इंटरनेशनल गैंगस्टर मयंक सिंह ने रायपुर के छत्तीसगढ़ अखबार को ई-मेल भेजकर सनसनी फैला दी है। इस ई-मेल में गैंगस्टर ने लिखा है कि हमारे शूटरों को अभी गिरफ्तार कर पुलिस ने बचा लिया, लेकिन कोशिश जारी रहेगी। जिन दो व्यापारियों के लिए शूटर भेजे गए थे, उनसे एक्सटार्शन मनी, हफ्ता वसूली या हफ्ता बढ़ाने का मामला नहीं है। गैंगस्टर ने लिखा- दोनों ने हमारा ईगो हर्ट किया, हमारे आदमियों को झारखंड के कुछ नेताओं से सांठगांठ करके जेल तक पहुंचाया, हमारे लोगों को परेशान किया गया। इसीलिए शूटर भेजे गए, क्योंकि इसे चैलेंज की तरह ले रहे हैं। ई मेल में कहा गया- हम यह बताना चाहते हैं कि ऐसा करनेवालों के घर तक पहुंचेंगे और फैमिली से एक-एक मेंबर कम करेंगे। अखबार के संपादक तथा वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार ने ऐसा ई-मेल मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ई-मेल से रायपुर पुलिस को अवगत करवा दिया है। यही नहीं, सुरक्षा के नजरिए से कंपनियों और ठेकेदारों के नाम हटाकर इस ई-मेल को प्रकाशित भी कर रहे हैं।
रायपुर में सोमवार को सुबह 10 बजे और रायपुर में मंगलवार को दोपहर दो कारोबारियों की सुपारी लेकर आए शूटरों के पकड़े जाने की खबर आने के बाद द स्तंभ ने खुलासा कर दिया था कि शूटर कब और किसे मारने आए थे। हालांकि हमने भी अपनी खबर में कंपनियों और ठेकेदारों के नाम का उल्लेख नहीं किया था। यह भी स्पष्ट कर दिया था कि झारखंड के अमन साहू गैंग ने सुपारी लारेंस विश्नोई गैंग को दी थी। उसी गैंग के मलेशिया में बैठे हैंडलर मयंक सिंह ने रायपुर में शूटर भेजे थे और पूरी साजिश को आर्गेनाइज किया था। इस गैंग के दोनों शूटर और दो बाइक राइडर अभी क्राइम ब्रांच के पास रिमांड पर हैं। चारों को 2 जून को अदालत में पेश कर दिया जाएगा। इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस झारखंड, दिल्ली और राजस्थान पुलिस से संपर्क बनाए हुए है, क्योंकि मामला बड़े गैंगस्टर की छत्तीसगढ़ में दस्तक का है।
इधर, झारखंड से एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की टीम शूटरों से पूछताछ तथा इस साजिश के सिरे जोड़ने के लिए रायपुर पहुंच गई है। झारखंड एटीएस से कोल गैंग के कई एनकाउंटर हो चुके हैं। उनके पास पूरे गैंग और माफियागिरी को लेकर बड़ी जानकारियां हैं, इसलिए भी एटीएस यहां आई है।