नक्सलियों से निर्णायक लड़ाई से लेकर इंद्रावती-महानदी को जोड़ने जैसी योजनाओं से सीएम साय ने बटोरी मुख्यमंत्रियों की सराहना… वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद में सीएम का प्रभावशाली संबोधन

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के ख़िलाफ़ निर्णायक लड़ाई, फोर्स की रणनीति और हौसले को रेखांकित करते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम मोहन यादव और सीएम पुष्कर धामी की सराहना बटोरी है। लखनऊ में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम साय ने प्रदेश की दो अहम नदियों महानदी और इंद्रावती को जोड़ने तथा दुर्गम इलाकों में कई बड़े प्रोजेक्ट का उल्लेख कर एप्रिसिएशन हासिल किया। बैठक से पहले सीएम साय ने अधिदेव भगवान शंकर की पावन नगरी काशी में ‘काशी के कोतवाल’ काल भैरव महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की।
मध्य क्षेत्रीय परिषद में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि यह परिषद केन्द्र और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय का सशक्त मंच बन चुकी है। जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित मध्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विकास को नई दिशा मिली है। पीएम मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में मध्य क्षेत्रीय परिषद ने ठोस योगदान दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, सांस्कृतिक पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास में परिषद की भूमिका निर्णायक रही है। सीएम साय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध बड़ी सफलता मिली है। बसवराजू और सुधाकर जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के न्यूट्रलाइज होने को उन्होंने नक्सलवाद की रीढ़ टूटने जैसा करार दिया। उन्होंने बताया कि बस्तर के विकास के लिए बोधघाट-महानदी इंद्रावती लिंक जैसी कई हजार करोड़ की परियोजनाओं पर भी हम काम कर रहे हैं। रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना को मिली मंजूरी भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने परिषद को अवगत कराया कि पिछली बैठक में दिए गए सुझावों पर तेजी से अमल हुआ है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 28 नई बैंक शाखाएं, डॉयल-112 सेवा का विस्तार, 82 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालना जैसी उपलब्धियाँ राज्य के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।सीएम साय ने कहा कि बस्तर पंडुम और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों ने स्थानीय खेल और सांस्कृतिक प्रतिभाओं को मंच दिया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 87.2 प्रतिशत नागरिकों को कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, और 1075 में से 1033 शासकीय अस्पताल इससे जोड़े जा चुके हैं।