नशे से निजातः रायपुर में चाकू मारने, वैपन से गुंडागर्दी के मामलों में एक-तिहाई कमी
रायपुर में शराब स्मगलिंग, ड्रंक एंड ड्राइव तथा गांजा-सूखे नशे के खिलाफ एसएसपी संतोष कुमार सिंह द्वारा चलाए जा रहे अभियान “निजात” का बड़ा असर यह हुआ है कि पिछले छह महीने में चाकू या वैपन लेकर गुंडागर्दी और चाकूबाजी के केस में बड़ी कमी आई है। 2022 और 2023 के शुरुआती छह माह की तुलना में इस साल जनवरी से अब तक रायपुर में चाकूबाजी के मामलों में 35 फीसदी से ज्यादा की कमी रिकार्ड की गई है, जबकि इस अपराध से जुड़े हर मामले में एफआईआर दर्ज कर पुलिस चाकूबाजों से सख्ती से निपट रही है। एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि विजिबल पुलिसिंग, अड्डेबाजी पर काबू और आबकारी तथा ड्रग्स विरोधी कानून यानी एनडीपीएस में इस दौरान रायपुर में पिछले छह माह में 85 फीसदी ज्यादा कार्रवाई हुई है।
रायपुर पुलिस ने निजात के तहत पूरे जिले में नशे के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की हैं। एएसपी लखन पटले ने बताया कि जनवरी माह से अब तक पिछले दो सालों की इसी अवधि की तुलना में आईपीसी के अपराधों में कमी उल्लेखनीय कमी आई है। विशेषकर चाकूबाजी में लगभग 35 फीसदी की कमी आई है। 2022 में जनवरी से 15 जुलाई के बीच चाकूबाजी के 131 केस हुए थे। 2023 में इसी अवधि में 128 चाकूबाजी के मामले रिपोर्ट हुए। जबकि इस साल जनवरी से अब तक चाकूबाजी के 84 मामले ही दर्ज हुए हैं और खास बात ये है कि ज्यादातर मामलों में अपराधियों को पकड़कर जेल तक पहुंचा दिया गया है। अफसरों ने बताया कि पिछले वर्षों से की तुलना में इस साल शुरू के छह महीने में आबकारी एक्ट और ड्रग-विरोधी एनडीपीएस एक्ट के तहत 85% अधिक कार्रवाइयां की गई हैं। निजात के तहत केवल कार्रवाई पर ही पुलिस का फोकस नहीं है, बल्कि पुलिस ने जागरुकता अभियान भी छेड़ रखा है। नशे के आदी सैकड़ों लोगो की विभिन्न संस्थाओं की मदद थानों में काउंसलिंग की जा चुकी है। यही नहीं, पुलिस मोहल्लों से स्कूलों तक जाकर लोगों को नशे की बुराइयां बता रही है और उन्हें इससे बचने की सलाह दे रही है।