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देश में पहली बार…हमारे कटघोरा की लीथियम खदान नीलाम, मैकी कंपनी को आवंटित

लीथियम का इस्तेमाल होता है बैटरी में, देश में छत्तीसगढ़ बनेगा सरताज

छत्तीसगढ़ के कटघोरा में लीथियम मिलने की पुष्टि कुछ महीने पहले हो गई थी, और अब बड़ी खबर यह है कि यहां की करीब 300 हेक्टेयर लीथियम खदान केंद्रीय खनन मंत्रालय ने देश की मैकी माइनिंग कंपनी को अलाट कर दी है। नीलामी की यह प्रक्रिया कुछ माह से चल रही थी, पर आचार संहिता के कारण अब इसकी घोषणा हुई। द स्तंभ को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इस नीलामी में अडानी और अंबानी से जुड़ी कंपनियां भी हिस्सा ले रही थीं, लेकिन खदान मैकी माइनिंग को मिली है। हफ्तेभर में दिल्ली से खदान के आवंटन की सूचना छत्तीसगढ़ शासन को मिल जाएगी। छत्तीसगढ़ शासन ही यहां टर्म्स-कंडीशन के अनुरूप कंपनी को कंपोजिट लाइसेंस जारी करेगा।

पहले किसी भी खदान के पूर्वेक्षण और माइनिंग के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी होते थे, लेकिन यह सिस्टम बदल गया है। अभी एक साथ कंपोजिट लाइसेंस जारी हो जाता है। सूत्रों के अनुसार मैकी कंपनी को 3 साल का कंपोजिट लाइसेंस मिलेगा, जिसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान कंपनी पूर्वेक्षण करेगी, जिससे पता चलेगा कि कटघोरा की ग्रेफाइट राक्स में लीथियम का कितना भंडार है। मैकी माइनिंग की बोली 76.01 प्रतिशत की है, यानी जो कुछ भी निकलेगा, रायल्टी तथा दूसरे प्रक्रियागत खर्च के आलावा सिर्फ लीथियम के एवज में कंपनी छत्तीसगढ़ शासन को इतनी राशि अदा करेगी।

लाइसेंस की अर्जी व शुल्क जमा करेगी कंपनी

केंद्र सरकार से जब छत्तीसगढ़ में कागजात पहुंच जाएंगे, तब मैकी कंपनी कंपोजिट लाइसेंस के लिए यहां दस्तावेज जमा करेगी। केंद्र से आए दस्तावेजों के वैल्यूएशन के आधार पर कंपनी को लाइसेंस के आवेदन के साथ 20 प्रतिशत शुल्क जमा करना होगा। वैल्यूएशन बाद में होगा, इसलिए राशि का पता नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यही करोड़ों रुपए होगी।

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